लक्षद्वीप की पहली महिला फिल्म मेकर आयशा सुल्ताना ने अपने ऊपर लगे देशद्रोह के केस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखा है। उन्होंने इस खत में कहा कि उन्होंने जो बायो वेपन वाला बयान दिया है, उसमें देश का किसी तरह से अपमान नहीं होता है।
आयशा की अपील- देशद्रोह का मामला वापस लिया जाए
आयशा ने सफाई दी है कि ये बयान लक्षद्वीप प्रशासन के फैसलों और एक्शन के लिए दिया गया था और लोगों ने इसका गलत मतलब निकाला। आयशा ने अपील की है कि कावारत्ती पुलिस में उनके खिलाफ लगाया गया देशद्रोह का मामला वापस लिया जाए और लक्षद्वीप में नए प्रशासक की नियुक्ति भी की जाए।
टीवी चैनल पर दिया था आयशा ने बायो वेपन वाला बयान
आयशा ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि केंद्र ने लक्षद्वीप के लोगों के खिलाफ बायो वेपन का यूज किया है। आयशा ने मलयालम टीवी चैनल में एक टीवी बहस में हिस्सा लिया था। जिसमें उन्होंने कहा था- लक्षद्वीप में जीरो कोविड 19 केस थे। अब रोजाना 100 मामले सामने आ रहे हैं। क्या केंद्र सरकार ने बायो वेपन चलाया है? मैं यह साफ तौर पर कह सकती हूं कि केंद्र सरकार ने बायो वेपन का इस्तेमाल किया है।
इसके बाद लक्षद्वीप में भाजपा ने आयशा के खिलाफ प्रदर्शन किए और लक्षद्वीप भाजपा प्रमुख अब्दुल कादर हाजी की शिकायत पर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया। इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आयशा का समर्थन किया था और कहा था कि ये केस कोर्ट में फेल हो जाएगा।
पुलिस ने खंगाले थे सोशल मीडिया अकाउंट, हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दी
इस केस में आयशा से लक्षद्वीप पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। 3 दिन पूछताछ के बाद आयशा को छोड़ दिया गया था। इस मामले में उन्हें केरल हाईकोर्ट से भी जमानत मिल चुकी है। कोर्ट ने कहा कि उनके बयान से ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता कि वो राष्ट्र के हित के खिलाफ है। पुलिस पूछताछ पर आयशा ने कहा था कि पुलिस ने मेरे फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप अकाउंट की जांच की। वह यह जांच कर रहे थे कि क्या मेरे विदेश में भी कोई लिंक हैं।