लखनऊ। आने वाले चुनाव में पिछड़ों के वोटों में पैठ बनाने की तेज होती होड़ में समाजवादी पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। सपा एक ओर पिछड़ी जातियों के सम्मेलनों का सिलसिला तेज कर दिया है। वहीं पिछड़ों के सवाल पर भाजपा को भी निशाने पर लिए हुए है। वह जातीय जनगणना व पिछड़ों को उसका आबादी के हिसाब से हक न मिलने का सवाल भी उठा रही है। इस अभियान के तहत सपा मुखिया अखिलेश यादव के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ अपने दूसरे चरण का अभियान सोमवार से शुरू कर रहा है।
पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष राजपाल कश्यप अगस्त क्रान्ति दिवस से विभिन्न जिलों में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन करेंगे। 9 अगस्त को कानपुर नगर, 11 अगस्त को झांसी, 12 अगस्त को महोबा, 13 अगस्त को हमीरपुर, 14 अगस्त को कानपुर ग्रामीण में आयोजन होंगे।
इनमें सबसे महत्वपूर्ण सम्मेलन 10 अगस्त को फूलन देवी के जन्मदिवस पर उसके गांव में होगा। यह आयोजन कानपुर देहात व जालौन में होना है। 15 अगस्त को फतेहपुर के जहानाबाद विधान सभा में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का समापन होगा।
इससे पहले पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ पिछड़ा वर्ग सम्मेलन एवं चौपाल कार्यक्रम 23 जुलाई से एक अगस्त तक चला चुका है। यह आयोजन सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही एवं प्रयागराज में हुए थे। गाजीपुर में फूलन देवी की शहादत पर आयोजन की अनुमति नहीं मिल सकी। वाराणसी में दशाश्वमेध घाट से अस्सी घाट तक मल्लाहों ने नाव की यात्रा निकाली।
सोनभद्र एवं मिर्जापुर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में निषाद राज को याद किया गया। मिर्जापुर-भदोही में स्थानीय लोगों ने वहां की पूर्व सांसद फूलन देवी की स्मृति में भव्य स्मारक बनाने की मांग की। सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने मंडल दिवस मना कर 27 प्रतिशत आरक्षण में पिछड़ों की अनदेखी का आरोप लगा रही है। आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देने की मांग भी उठाई जा रही है।