मेरठ। सोमवार को मोहर्रम का चांद नहीं दिखने से अब गम के महीने की पहली तारीख बुधवार यानी 11 अगस्त से होगी। आज मंगलवार की चांद रात से घरों मेें ताजिया रखने के लिए खरीदारी भी शुरू हो जाएगी। मरकजी चांद कमेटी ने चांद दिखाई न देने की घोषणा की और पहली मुहर्रम बुधवार से होने का ऐलान किया है। काजी काजी जैनुस्साजिद्दीन ने भी चांद न दिखने की बात कही है। सोमवान को चांद न दिखाई देने और 11 अगस्त को पहली मुहर्रम होने का ऐलान किया गया है।
मोहर्रम कमेटी के अली हैदर रिजवी ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत के गम में शियों की आंखें रोएंगी। शिया कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े उतार कर काले कपड़े पहनेंगे। महिलाएं भी जेवर व चूड़ियां त्यागकर पूरे एक महीने तक काले कपड़ों में ही रहेंगी। तर्बरूक, हार-फूल, अलम के लिए फूल के सेहरे, इमामबाड़े के लिए फूलों के पटके और ताबूत के लिए फूलों की चादरों की भी खरीदारी होगी।
कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन का करें पालन : उन्होंने मुहर्रम में शारीरिक दूरी के साथ और कोरोना संक्रमण की सरकारी गाइड लाइन के अनुसार गम मनाने की अपील की है। 50 से ज्यादा लोगों को एक साथ एकत्र न होने की गुजारिश की है। मौलाना ने गाइडलाइन जारी की है।
जारी गाइडलाइन के अनुसार मजलिसों में एक समय मे 50 लोग ही सम्मलित हों। मुहर्रम पर निकलने वाले मरकज़ी जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। अलम एवं ताज़िए घरों और इमामबाड़ों में स्थापित किए जा सकेंगे। दसवीं मुहर्रम को ताज़ियों को दफन करने के लिए केवल एक दो लोग ही जाएंगे। ताज़िया किसी भी भीड़ या कोविड दिशा निर्देशों की अनदेखी के साथ नही निकाले जा सकेंगे। ताज़िए किसी सार्वजनिक स्थान पर नही रखे जा सकेंगे।
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