ये चांद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा.. शम्मी कपूर ने इस गाने में किया धमाल

दोस्तों पता है कश्मीर की कली 1964 में बनी हिन्दी फिल्म है। इसके  मुख्य कलाकार शम्मी कपूर जो राजीव लाल का रोल अदा किये हैं , शर्मिला टैगोर ने चम्पा का रोल निभाया है और प्राण साहब ने मोहन व मदन पुरी ने श्यामलाल का रोल निभाया है। सारे कलाकार ने दमदार अदाकारी की है। फिल्म सुपर-डुपर रही। इस फिल्म का  संगीत ओ॰ पी॰ नय्यर ने दिया है।

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इस फिल्म की कहानी में  राजीव शम्मी कपूर जवान हो जाता है उसके पिता की बचपन में मौत हो जाती है वे समृद्ध  बिजनेस मैंन थे। एक करोड़पति की सम्पत्ति बन गए थे। उसकी विधवा मां राजीव को सीधा-साधा रखना चाहती हैं। फिल्म में राजीव जीवन की खुशियां  लेने के लिए श्रीनगर में जाता है। लेकिन रास्ते में पुल गिरने के कारण उसे रात भर रुकना पड़ जाता है। मोहन प्राण उसी कारण से वहाँ रह रहा है।

राजीव को सीढ़ियों के नीचे सोना पड़ता है और रात में चम्पा शर्मिला टैगोर उस पर कुछ पानी गिरा देती है। वे बात करते हैं, लेकिन वह उससे दूरी बनाए रखती है। अगले दिन वे संयोग से फिर मिलते हैं, वह उसे बताता है कि वह एक अमीर आदमी के लिए ड्राइवर है। श्रीनगर में, वह पाता है कि उसके नौकर ने कुछ लड़कियों को उसका घर किराए पर दिया है और उसे शहर में आवास ढूंढना पड़ता है। चम्पा और राजीव के बीच रोमांस मोहन के चिड़चिड़ेपन के बावजूद विकसित होता है। चम्पा के पिता दीनू उसको राजीव के साथ मेले में जाने से मना कर देते हैं। लेकिन राजीव इतनी आसानी से नाकामी स्वीकार नहीं करता है और बुर्के में एक महिला के रूप में आ जाता है।

इस तरह से दोनों का प्यार और रोमांस पनपने लगता है। यह फिल्म दोनों के ईद-गिर्द घूमती नजर आती है। इस फिल्म के सारे गाने बहुत ही खूबसूरत हैं। इस फिल्म का एक गाना जिसमें शम्मी कपूर सिर को झटक -झटक कर गाते नजर आते है इस गाने का बोल है  ये चांद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा,ये झील सी नीली आँखे कोई, राज हैं इन में गहरा, तारीफ करूं क्या उस की जिसने तुम्हें बनाया…. इस गाने ने फिल्म को बना दिया सुपर-डुपर हिट।

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