नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए सबसे अहम हथियार ज्यादा टेस्टिंग को बताते हुए केंद्र को घेरा है। विपक्षी पार्टी का कहना है कि सरकार कोरोना संक्रमण के असली आंकड़ों को छिपाने के लिए टेस्टिंग से बच रही है और ‘डिस्चार्जिंग विद-आउट टेस्टिंग’ की नीति पर काम कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना को लेकर गंभीर नहीं है और उनकी नीतियों का खामियाजा लोगों को आने वाले दिनों में भुगतना पड़ सकता है।
कांग्रेस प्रवक्ता एवं अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग प्रक्रिया को नहीं अपना रही है। इतना ही नहीं विभिन्न राज्यों से दूसरी जगह जाने वाले लोगों को भी सिर्फ क्वारेंटाइन किया जा रहा है और फिर लक्षण नहीं मिलने पर बिना जांच के ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जा रहा है। ऐसे में कैसे सुनिश्चित हो सकेगा कि संक्रमण को रोक लिया गया है या फिर अब इसका प्रसार नहीं होगा। इसीलिए कांग्रेस पार्टी लगातार मांग करती रही है कि टेस्टिंग को बड़े स्तर पर चलाने की जरूरत है।
आईसीएमआर द्वारा डेवलप किए गए एंटीबॉडी टेस्ट किट ‘एलिसा किट’ के निर्माण को लेकर सरकार की टेंडर प्रक्रिया पर भी कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाया है। सुष्मिता देव ने सरकार से पूछा कि आखिर किस आधार पर सिर्फ एक कंपनी को इस किट के निर्माण के लिए चुना गया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद की एक कंपनी जाइडर कैडिला को ही टेंडर और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर दिया जाना संदेह पैदा करता है। जबकि देश में जांच किट की काफी कमी है, ऐसे में इसके निर्माण के लिए कई कंपनियों की निविदा मंगानी चाहिए थी ताकि बड़े स्तर पर निर्माण होता और लोगों को जांच किट सहज उपलब्ध हो सकती। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और बिना खुली निविदा के सिर्फ एक कंपनी को यह जिम्मा सौंप दिया गया। अन्य कंपनियों को तो बोली लगाने का मौका तक नहीं मिला।
सुष्मिता देव ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना होगा कि वायरस संक्रमण के इस समय पर उनकी प्राथमिकता क्या है। क्योंकि अब तक जितने भी फैसले सरकार ने लिए हैं उनसे आम लोगों को या तो कोई फायदा नहीं पहुंचा या फिर जो लाभ मिला उसके पहुंचने में काफी देरी हुई। कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्तमान के इस संकट का सामना पूरी दुनिया कर रही है, ऐसे में इसके दो ही अहम पहलू हैं। पहला है आजीविका का, जिसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को जरूरी और ठोस कदम उठाने होंगे। वहीं दूसरा पहलू है सुरक्षा का। आम लोगों के साथ प्रथम पंक्ति के योद्धाओं को पर्याप्त पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) आदि मुहैया कराकर सुरक्षित नहीं करेंगे तब तक कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई सफल नहीं सकती। इसके लिए जरूरी है की सरकार बड़े स्तर पर पीपीई किट के निर्माण पर जोर दे और कोरोना जांच में तेजी लाए।