गेम चेंजर की असफलता पर बोले शंकर, अच्छे दृश्य थे, बेहतर हो सकती थी फिल्म

रामचरण अभिनीत गेम चेंजर 10 जनवरी से सिनेमाघरों में चल रही है। 450 करोड़ के भारी भरकम बजट में बनी इस फिल्म को पूरा करने में निर्देशक शंकर ने 3 साल का लम्बा वक्त लिया। प्रदर्शन के बाद फिल्म को असफल करार दे दिया गया है। अपने पांच दिन के प्रदर्शन में इस फिल्म ने अभी तक सिर्फ 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया है। ऐसे में ‘गेम चेंजर’ के निर्देशक एस शंकर ने फिल्म की एवरेज परफॉर्मेंस पर अपनी गलती होने की बात कही है।

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बिहांडवुड्स टीवी को दिए एक हालिया इंटरव्यू में शंकर ने कबूल किया कि वो फिल्म में बहुत कुछ बेहतर कर सकते थे। उन्होंने कहा- ‘कोई भी फिल्म मेकर अपनी फिल्म से कभी संतुष्ट नहीं होता। मुझे बिल्कुल पर लगता है कि ये फिल्म और बेहतर हो सकती थी। हमारे पास कई अच्छे सीन थे, लेकिन हमें उनमें काटकर छोटा करना पड़ा।’

शंकर ने आगे कहा- ‘इसका मतलब ये हुआ कि हमने कुछ बेहतरीन कंटेंट खो दिया। आप तीन घंटे की फिल्म में हर सीन को शामिल नहीं कर सकते। फिल्म का टोटल ड्यूरेशन पांच घंटे हो गया था। ये किसी स्कल्पचर को तराशने जैसा था। अगर आप कोई अच्छा स्कलप्चर बनाना चाहते हैं तो वो पत्थर की बनी हो तो बेहतर है। बता दें कि फिल्म ‘गेम चेंजर’ से शंकर ने अपना तेलुगु डेब्यू किया है।’

बता दें कि ऐसी खबरें भी थीं कि ‘गेम चेंजर’ के चार गानों- ‘जरागांडी’, ‘धोप’, ‘नाना हयारन’, और ‘रा माचा माचा’ पर मेकर्स ने 75 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। लेकिन अब शंकर ने इस बात से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘ये सच नहीं है। लोग यहां तक कह रहे हैं कि हमारी फिल्म ने अपना टैक्स चार गुना बढ़ा लिया है।’

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