नई दिल्ली। पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की ओर से एयरस्ट्राइक किए जाने के बाद रेल मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को हिदायत दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां सैन्य ट्रेनों की आवाजाही की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर सकती हैं।
मंत्रालय ने साफ कहा है कि ऐसी गोपनीय जानकारी को किसीअनधिकृत शख्स के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोनों के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर्स को भेजे संदेश में कहा, “पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव रेलवे अफसरों को फोन कर सैन्य स्पेशल ट्रेनों की आवाजाही की गोपनीय जानकारी मांग सकते हैं।”
बोर्ड ने सख्ती से कहा कि ऐसी जानकारी को सिर्फ मिलिट्री रेल (रेलवे की सैन्य शाखा) के कर्मचारियों के अलावा किसी और को देना देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होगा।
गोपनीय जानकारी की क्या हो सकती है अहमियत
मिलिट्री रेल भारतीय रेलवे की एक खास शाखा है जो फौज को लॉजिस्टिक सपोर्ट देती है। रेलवे ने अपने बयान में कहा कि ऐसी जानकारी का लीक होना न सिर्फ सिक्योरिटी का मसला है, बल्कि यह देश की सुरक्षा को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, रेलवे ने अपने अफसरों और कर्मचारियों को हिदायत दी है कि वे सैन्य ट्रेनों की एक्टिविटी की जानकारी की संवेदनशीलता को समझें और इसे गंभीरता से लें।
सीनियर अफसरों को सख्त हिदायत
मंत्रालय ने सीनियर अफसरों से कहा है कि वे अपने स्टाफ को साफ तौर पर हिदायत दें कि अगर कोई शख्स सैन्य एक्टिविटी की जानकारी मांगे, तो उसे किसी भी सूरत में न बताया जाए। रेलवे ने अपने कर्मचारियों से मुस्तैद रहने और ऐसी किसी कोशिश को फौरन रिपोर्ट करने को कहा है।
रेलवे का यह कदम उस वक्त आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। पहलगाम हमले के बाद भारत के जवाबी हमलों ने साफ कर दिया है कि मुल्क अपनी सलामती के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। रेलवे ने अपने कर्मचारियों को इस बात के लिए तैयार रहने को कहा है कि वे ऐसी किसी खुफिया कोशिश को नाकाम करें जो मुल्क की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।मंत्रालय ने यह भी जोड़ा कि सभी कर्मचारियों को इस मसले की गंभीरता का अहसास कराया जाए और उन्हें सैन्य ट्रेनों की जानकारी को सुरक्षित रखने की ट्रेनिंग दी जाए।