जिन बच्चों को 15-16 साल तक पाला-पोसा, उन्हें खुद ही दे दिया जहर

बाहरी दिल्ली। फैक्ट्री संचालक हरदीप सिंह आर्थिक तंगी से इस कदर टूट गया कि सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। सबसे ज्यादा हैरान और परेशान करने वाला पहलू यह है कि अपने इस कदम के लिए अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को कैसे तैयार किया होगा। बच्चों ने किस मन: स्थिति से माता-पिता का साथ दिया होगा।

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इस घटना से मनोविज्ञानी भी हतप्रभ हैं। फिलहाल पुलिस पूरी घटना की जांच में जुटी हुई है। माता-पिता आखिर इतने कठोर कैसे बन गए कि 15-16 साल तक जिन्हें पाला-पोसा और अब एकाएक जहर पीने को कह दिया और बच्चे भी इसके लिए कैसे तैयार हो गए?

परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद ये सवाल सभी को झकझोर रहे हैं। इस मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में फिलहाल आर्थिक तंगी ही कारण नजर आ रहा है।

कारोबार में हुआ था मोटा घाटा

अभी तक पुलिस की जांच और हरदीप सिंह की पत्नी से मिली जानकारी के आधार पर सामने आया है कि पिछले कई वर्षों से हरदीप सिंह स्वजन व रिश्तेदार के साथ काठमांडू (नेपाल) में कारोबार कर रहे थे। सब ठीकठाक चल रहा था, लेकिन करीब एक साल पहले उन्हें इस कारोबार से अलग होना पड़ा।

जल्द ही नांगलोई के चंदर विहार में हुए थे शिफ्ट

इस दौरान उन्हें मोटा घाटा उठाना पड़ा था। इसके बाद हरदीप सिंह ने संगम पार्क औद्योगिक क्षेत्र में किराये पर एक कमरा लेकर बाइकों के हार्न बनाने की यूनिट लगाई। खूब मेहनत के बाद भी चीजें ठीक नहीं हुईं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हरदीप मॉडल टाउन के महेंद्रू एन्क्लेव में रहते थे, लेकिन डेढ़ माह पहले नांगलोई के चंदर विहार में शिफ्ट हो गए थे।इसे लेकर पड़ोसी कारोबारी डीसी अग्रवाल ने कहा

हरदीप सिंह डेढ़ साल पहले यहां आए थे। खुद ही काम करते थे, इनके पास कोई वर्कर नहीं था। कभी परेशान नजर नहीं आए और न ही किसी से कभी अपनी परेशानी साझा की। सबसे अच्छे से मिलते थे। वह रोज 10 बजे तक फैक्ट्री आ जाते थे और शाम पांच बजे चले जाते थे। सुबह नौ बजे जब पुलिस वहां आई तब उन्हें घटना के बारे में पता लगा।

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

  • एक जुलाई 2018: उत्तरी जिला के बुराड़ी इलाके में रहने वाले चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों ने एक साथ सामूहिक आत्महत्या की थी। घर के 11 में से दस सदस्यों को फांसी पर लटका पाया गया था, जबकि परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी (दादी) का शव जमीन पर पड़ा मिला था।
  • 10 फरवरी 2024 : पांडव नगर इलाके में दो बच्चों की हत्या कर पिता ने ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली थी।
  • 16 जुलाई 2022 : जाफराबाद इलाके में पत्नी व दो बच्चों की हत्या कर कारोबारी ने खुद को गोली मारकर की थी खुदकुशी।
  • 12 मार्च 2025: बदरपुर स्थित मोलड़बंद में एक महिला ने अपनी दो बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की। आर्थिक तंगी के चलते तीनों ने आत्महत्या की थी।
  • 27 सितंबर 2024: वसंत कुंज स्थित रंगपुरी गांव में पिता ने अपनी चार बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी।

पहले भी बुराड़ी में ऐसी घटना हो चुकी है। आर्थिक कारणों से लोग ड्रिप्रेशन में आकर ऐसा करते हैं। यही सलाह है कि व्यक्ति को जब भी लगे वह डिप्रेशन में है तो डाक्टर के पास जाए। – निमेष जी देशाई, पूर्व निदेशक, इबहास

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