उकसाने का मौका नहीं छोड रहा चीन : चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो के 8 किमी इलाके पर कब्‍जा कर किया ब्लाक

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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी की स्थिति फिलहाल पूरी तरह साफ नहीं है। मगर इतना कन्‍फर्म है कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो के करीब 8 किलोमीटर लंबे इलाके पर कब्‍जा कर रखा है। मई की शुरुआत में यहां कदम रखने वाले चीनियों ने डिफेंस स्‍ट्रक्‍चर्स और बंकर तक तैयार कर लिए हैं।

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झील के उत्‍तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 के बीच ऊंचाई वाले इलाकों पर पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक मौजूद हैं। जब अन्‍य इलाकों- गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग्‍स को लेकर भारत-चीन में बातचीत होती रही, चीन ने यहां पर अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गलवान घाटी में पैट्रोल पॉइंट 14 के पास वाले इलाके में भारतीय सेना ‘डटी’ हुई है। इसी जगह पर 15-16 जून की रात दोनों देशों की सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी। घटना के बाद, सेना ने कहा था कि भारत और चीन, दोनों के सैनिक वहां से पीछे हट गए हैं।

सूत्र के अनुसार, “गलवान में दोनों सेनाएं बहुत हद तक अपनी-अपनी लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) के भीतर हैं। लेकिन दोनों ही तरफ मिलिट्री इंतजाम मौजूद हैं और सेनाएं (पूरी तरह) पीछे नहीं हटीं हैं।”

पैंगोंग सो के उत्‍तरी किनारे पर भारत-चीन में जो झड़प हुई, वो बेहद गंभीर है। करीब 13,900 फीट की ऊंचाई पर चांगला पास के नजदीक 5-6 मई को दोनों तरफ के जवान टकरा गए थे। इसके बाद से, चीनी सैनिक भारतीय जवानों को फिंगर 4 से पूर्व में नहीं जाने दे रहे।

एक सीनियर ऑफिसर के मुताबिक, “भारतीय सेना के सारे मैप दिखाते हैं कि LAC फिंगर 8 पर उत्‍तर से दक्षिण की ओर जाती है। फिंगर 3 और 4 के बीच सालों से ITBP की पोस्‍ट है। लेकिन पिछले महीने से ही फिंगर 4-8 के बीच चीन ने जो कब्‍जा कर रखा है, PLA उसपर बात नहीं करना चाहती।”

1999 में जब भारत का ध्‍यान करगिल में पाकिस्‍तान की घुसपैठ पर था, तब चीन ने अपने बेस से लेकर फिंगर 4 तक एक कच्‍ची सड़क बना ली थी। बाद में इसे पक्‍का कर दिया गया।

एक मिलिट्री ऑफिसर के अनुसार, “PLA के सैनिक अक्‍सर फिंगर 8 और सिरजप की पोस्‍ट से अपनी पोस्‍ट से गाड़‍ियों में बैठकर इस इलाके में पैट्रोल करते थे। लेकिन फिंगर 2 तक दावा करने के बाजवूद उन्‍होंने इसपर कभी कब्‍जा नहीं किया था लेकिन अब उन्‍होंने फिंगर 4-8 के बीच डिफेंस स्‍ट्रक्‍चर तैयार कर लिए हैं। वे ऊंचाइयों पर मौजूद हैं।”

भारत साफ कर चुका है कि चीन अपने कदम उन जगहों से वापस खींचे जिसे लेकर दोनों देशों के मत अलग-अलग हैं। भारत अप्रैल से पहले वाली स्थिति चाहता है। इसके लिए पैंगोंग सो में चीन को अपने कई स्‍ट्रक्‍चर और बंकर ढहाने होंगे, जिसमें वक्‍त लग सकता है।

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