मुरादाबाद धर्म परिवर्तन: कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता के पति और देवर जेल से रिहा

मुरादाबाद। जिले में 22 साल की महिला के पति को यूपी के नए धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत लव जिहाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद अब उसके पति और देवर को शनिवार को रिहा कर दिया गया। दोनों ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि अगर इस मामले में दोबारा परेशान किया गया तो वो भी कानूनी कार्रवाई करेंगे।

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उधर, महिला को शेल्टर होम भेज दिया गया था, जहां उसका गर्भपात हो गया था। एक निजी लैब में अल्ट्रासाउंड के बाद इस बात की पुष्टि हुई है कि महिला का गर्भपात हुआ है। महिला के पति और देवर को 13 दिनों तक जेल में रखा गया। पुलिस को अब तक इस केस में जबरन धर्मांतरण कराने के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।

दोबारा परेशान करेंगे तो करेंगे कानूनी कार्रवाई

कांठ लव जिहाद मामले में जेल भेजे गए राशिद और सलीम जेल से रिहा हो गए। जेल से रिहा होने पर राशिद ने सरकार का धन्यवाद किया। पत्नी के गर्भपात होने वाले मामले पर कहा कि बच्चे का जिंदगी भर अफसोस रहेगा। जिन लोगों की वजह से जेल जाना पड़ा अगर वे दोबारा परेशान करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अस्थाई जेल से जिला कारागार लाकर कागजी कार्रवाई पूरी कर रिहा कर दिया गया।

उधर, महिला ने आरोप लगाया था कि उसे जिला अस्पताल में रखा गया जहां उसका गर्भपात हो गया। उसे ब्लीडिंग हो रही थी और बहुत ज्यादा दर्द था। यहां उसे जबरन इंजेक्शन दिए गए। वहीं जिला अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार किया है।

क्या है मामला

मुरादाबाद में धर्म परिवर्तन का पहला मामला कांठ थाने में दर्ज हुआ था। युवती की बिजनौर निवासी मां की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कांठ निवासी राशिद पर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया गया था। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। पुलिस ने आरोपी राशिद और उसके बड़े भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि युवती नारी निकेतन भेज दी गई थी।

मामला तब पलट गया जब युवती ने कोर्ट में बयान दिया कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से धर्म बदलकर उसने छह माह पहले ही राशिद से देहरादून में निकाह किया है। कोर्ट के आदेश पर नारी निकेतन से निकलकर युवती अब कांठ स्थित अपने ससुराल में रह रही है।

गुरुवार को आरोपियों को बेकसूर मानते हुए कांठ पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 169 की रिपोर्ट सीजेएम कोर्ट में पेश की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस की रिपोर्ट को मंजूर कर राशिद और उसके बड़े भाई को निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट से दोनों की रिहाई का परवाना देर से जेल पहुंचने के कारण शुक्रवार को रिहाई नहीं हो सकी थी। शनिवार को दोनों को रिहा कर दिया गया।

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