नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक और सरकारी कंपनी में अपनी रणनीतिक हिस्सेदारी कम करने के लिए बोली मंगाई है। माइनिंग क्षेत्र की यह कंपनी BEML है, जिसमें सरकार मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। BEML भी उन सरकारी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है, जिसमें केंद्र सरकार अपनी हिस्सेदारी कम करने जा रही है। BEML में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक कंपनियों को 1 मार्च 2021 से पहले एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI – Expression of Interest) जमा करना होगा।
BEML में किसके पास कितनी हिस्सेदारी : मौजूदा बाजार भाव पर BEML में 26 फीसदी हिस्सेदारी की कीमत 1,055 करोड़ रुपये होती है। वर्तमान में सरकार के पास इस कंपनी में 54.03 फीसदी हिस्सेदारी है। इसे भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (Bharat Earth Movers Ltd।) के नाम से भी जाना जाता था। अतिरिक्त हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड्स, व्यक्तिगत, विदेशी संस्थागत निवेशक और वित्तीय संस्थानों के पास है। म्यूचुअल फंड्स के पास 19.21 फीसदी और व्यक्तिगत निवेशकों के पास 15.74 फीसदी हिस्सेदारी है।
इन क्षेत्रों में काम करती है BEML : सेबी के नियमों के तहत, BEML में इस 26 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली कंपनी को ओपेन ऑफर के जरिए कंपनी में अतिरिक्त 26 फीसदी भी खरीदनी होगी।बेंगलुरु की यह कंपनी 3 विशेष बिजनेस क्षेत्र में काम करती है। ये माइनिंग & कंस्ट्रक्शन, डिफेंस & एयरोस्पेस और रेल & मेट्रो क्षेत्र है।
BEML में दो चरणों में विनिवेश किया जाएगा। पहले चरण में चुनी गई कंपनियों को फाइनेंशियल बिड सबमिट करनी होगी। इसमें नॉन-कोर भूमि और अन्य एसेट्स को हटा दिया जाएगा। प्रस्तावित विनिवेश में इन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। BEML में कुल 6,602 कर्मचारी काम करते हैं। वित्त वर्ष 2020 में इस कंपनी का कुल मुनाफा 68 करोड़ रुपये रहा था। इसके पिछले वित्त वर्ष यानी 2019 में यह 64 करोड़ रुपये था।