नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की शुक्रवार को हुई बैठक में लीडरशिप के मसले पर बहस के बाद पार्टी ने फैसला किया है कि जून तक नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। बैठक के दौरान पी. चिदंबरम ने कार्यसमिति के अलावा पहले की तरह केंद्रीय चुनाव समिति और पार्लियामेंट्री बोर्ड का चुनाव करवाने पर भी जोर दिया।
इस प्रपोजल का समर्थन आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और गुलाम नबी आजाद ने किया। चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष कार्यसमिति में 11 सदस्य नॉमिनेट करता है। लेकिन, 10 का चुनाव होना चाहिए।
दोबारा चुनाव करवाने की क्या जरूरत : सोनी
अंबिका सोनी ने कहा, ‘चुनाव करवाने की जरूरत ही क्या है। अगले साल 2022 में 5 साल के लिए पार्टी के चुनाव होने ही हैं। दोबारा चुनाव करवाने की क्या जरूरत है। इसे सोनिया जी पर छोड़ दीजिए, वो अपने हिसाब से देखें।’
अशोक गहलोत काफी आक्रामक दिखे
गहलोत ने कहा, ‘हम सबको मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, CWC का सदस्य पार्टी ने बनाया। कभी भी चुनाव के जरिए कोई पद नहीं मिला, लेकिन आज बहुत से लोग चुनाव की बात कर रहे हैं। लोग सोनिया जी और राहुल जी की लीडरशिप पर सवाल उठा रहे हैं।’
आनंद शर्मा ने दिया जवाब
अशोक गहलोत की बात पर आनंद शर्मा ने जवाब दिया, ‘आप दोबारा कटुता न लाएं। नेतृत्व ने मामला सुलझा दिया है। हमने कभी सोनिया गांधी या राहुल को लेकर कुछ नहीं कहा, यह अब आम बात हो गई है कि हमारे लिए ऐसा कहा जाता है। यह ट्रेंड बन गया है।’ अंबिका सोनी ने बीच बचाव करते हुए कहा, गहलोत जी ने आपके लिए नहीं बोला है।
राहुल बोले- मामले को निपटाना चाहिए
राहुल गांधी ने दखल देते हुए कहा, ‘गहलोत जी अपनी जगह ठीक हैं और आनंद शर्मा जी अपनी जगह ठीक हैं। मैं दोनों की बात का आदर करता हूं। संगठन के चुनाव करवाकर इस मुद्दे को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए, ताकि देश के बाकी अहम मुद्दों पर काम किया जा सके।’