अनिश्चितता के इस दौर में इन पांच रणनीतियों के सहारे सुरक्षित रह सकते हैं रिटेल निवेशक

नई दिल्ली। बीते साल कोरोना महामारी उभरने के वक्त 23 मार्च को BSE सेंसेक्स 25,981 तक फिसल चुका था। तब से 21 जनवरी तक यह 93% चढ़कर 50,184 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने में कामयाब रहा है। इसके बाद बीते दो कारोबारी सत्रों के दौरान इसमें 1,305 अंकों की गिरावट आई है। अगले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने वाली हैं।

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बजट से पहले बाजार में गिरावट की अनिश्चितता

बजट के साथ शेयर बाजार में गिरावट की अनिश्चितता भी जुड़ी हुई है। ऐसे में रिटेल निवेशकों के मन में दुविधा है कि उन्हें अभी क्या करना चाहिए? क्या उन्हें मौजूदा स्तरों पर मुनाफा बुक करना चाहिए? या निवेश जारी रखना चाहिए? क्या बाज़ार में भारी गिरावट आने वाली है? यदि आपके मन में भी ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं तो ये लेख आपके लिए ही है। आइए जानते हैं कि इस समय रिटेल निवेशकों के लिए निवेश की सही रणनीति क्या होगी…

1. एकमुश्त निवेश नहीं करें – घरेलू शेयर बाजार फिलहाल रिकॉर्ड स्तर के करीब चल रहे हैं। ऐसे में आम निवेशकों को फिलहाल बाजार में एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए। बाजार की रैली विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) की ओर से निवेश के मजबूत प्रवाह की वजह से देखने को मिल रही है। वहीं, दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) ऊपरी स्तरों पर मुनाफा वसूली कर रहे हैं। यानी ऊंचे भाव पर शेयर बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। यदि बजट की घोषणाएं बाजार की उम्मीदों के मनमाफिक नहीं रही, तो शेयरों में गिरावट संभव है।

2. SIP है तो जारी रखें – यदि आपको शेयर बाजार के बारे में पूरी जानकारी नहीं है तो सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। ऐसे लोग जो SIP के जरिए निवेश कर रहे हैं, उन्हें अपनी SIP जारी रखनी चाहिए। कारण यह है कि यदि यहां से गिरावट आती भी है तो निचले स्तर पर हुई खरीदारी से आपकी औसत खरीद लागत कम होगी और तेजी आने पर मुनाफा अधिक होगा।

3. मुनाफे में हैं तो प्रॉफिट बुक कर लें – शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास है। ऐसे में अपने निवेश पोर्टफोलियो पर गौर करें। यदि किसी शेयर में अच्छा मुनाफा है तो प्रॉफिट बुक कर इससे बाहर निकल सकते हैं। अच्छी गिरावट आने पर इनमें फिर निवेश कर सकते हैं। यह भी देखें कि आपके पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन सही है या नहीं, यदि किसी एसेट क्लास में अधिक निवेश हो तो उसे घटाकर बैलेंस करें।

4. स्टॉक स्पेसिफिक निवेश करें – कई सेक्टर ऐसे हैं जिनका प्रदर्शन आगे भी बेहतर रहने वाला है। इस श्रेणी में हम IT और फार्मा सेक्टर को रख सकते हैं। दुनियाभर में कंपनियां डिजिटलाइजेशन पर खर्च कर रही हैं। इसका फायदा आईटी कंपनियों को मिलेगा। बजट में हेल्थकेयर पर आवंटन बढ़ सकता है। इसका फायदा फार्मा सेक्टर को मिलेगा। बजट में डिमांड बढ़ाने के उपायों की घोषणा की जा सकती है।

5. पोर्टफोलियो में विनर-लूजर को पहचानें – अपने पोर्टफोलियो में विनर और लूजर शेयर को पहचानें। कमजोर प्रदर्शन वाले शेयरों को पोर्टफोलियो से बाहर करें। अर्निंग पर शेयर, रिटर्न ऑन इक्विटी आदि सूत्रों से ऑप विनर और लूजर शेयर की पहचान कर सकते हैं। इसी तरह, अच्छी गुणवत्ता वाले म्यूचुअल फंड्स की पहचान करें। सही म्यूचुअल फंड की पहचान में मासिक फैक्टशीट मददगार रहेगी।

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