लखनऊ। केरल में उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर उत्तर प्रदेश में घमासान जारी है। बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर तीखा हमला किया। कहा कि जिन्हें UP के लोगों ने 15 सालों तक राज कराया, वह दूसरे प्रदेश में जाकर उसी प्रदेश की खिल्ली उड़ा रहे हैं। यह उनकी विभाजनकारी मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, अमेठीवासी भी राहुल गांधी के बयान पर खुद को छला महसूस कर रहे हैं।
…चोर की दाढ़ी में तिनका
विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कुछ लोगों का काम विभाजन करना है। एक नेता हैं जिनको UP ने सांसद बनाया और वे अब केरल में UP के लोगों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। इस पर कांग्रेस विधायक हंगामा करने लगे। यह देख CM योगी ने कहा कि मैंने तो किसी का नाम नहीं लिया।
लेकिन कांग्रेस के लोग समझ गए कि किनके बारें में बात हो रही है। यह चोर की दाढ़ी में तिनके वाली कहावत चरितार्थ होने वाली बात है। आपके पास इटली जाने का समय है, लेकिन अमेठी के लिए नहीं है। आखिर कौन अमेठी का अपमान कर रहा है? मुझे केरल की संस्कृति पर गर्व है। हम तो केरल को आस्था की भूमि मानते हैं। आदि शंकराचार्य वहीं जन्मे थे। उन्होंने चार पीठों की स्थापना की थी।
राहुल गांधी के बयान में अमेठी के लोग क्या बोले?
मसाला व्यवसायी राजेश अग्रहरि ने कहा कि राहुल गांधी का ये वक्तव्य सुनकर पूरी अमेठी ठगा महसूस कर रही है। मैं समझता हूं ये राहुल गांधी का दोष कम है, उनके लालन-पालन और उनकी संस्कृति का प्रभाव ज्यादा है। राहुल गांधी को ये जानना चाहिए आज वो जो कुछ भी हैं और वो नहीं उनके नाना, उनके परदादा गांधी और नेहरू को पहचान देने वाली उत्तर प्रदेश की धरती है।

- दिनेश सिंह कहते हैं की करीब 30 सालों से उनका परिवार अमेठी में लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता रहा। लेकिन अमेठी के लोगों की समझदारी समझ लीजिए की आप 6 साल का बनारस क्षेत्र देख लीजिए मोदी का और तीस साल का इनका देख लीजिए। जमीन आसमान का अंतर मालूम हो जाएगा।

- डाक्टर सुभाष ने कहा कि राहुल गांधी को यह बात समझ में ही नहीं आती कि मुद्दा क्या है? 15 साल सांसद मतलब, तीन टर्म सांसद रहे वो और तीन टर्म में नहीं समझ पाए वो? उनको तो पहले ही टर्म में समझ लेना चाहिए था कि लोग मुद्दे की बात करते हैं कि नहीं करते हैं। और अगर मुद्दे की बात नहीं करते तो उनको तीन टर्म देते क्यों? कहीं न कहीं उनसे ज्यादा अपेक्षा थी। लेकिन अपेक्षा के अनुरूप उन्होंने काम नहीं किया इसकी वजह से उन्हें हारना पड़ा।

- संजय ने कहा कि राहुल गांधी ने अमेठी के मुकाबले केरल के लोगों को समझदार बताया। लेकिन वो खुद भूल गए के उन्हीं के संजय गांधी हास्पिटल में केरल के बच्चे नौकरी कर रहे हैं। अमेठी केरल के लोगों को रोजगार देने का काम कर रहा है। 15 साल में राहुल गांधी ने अमेठी के पत्रकारों, अमेठी साहित्यकारों से कहीं कोई संवाद नहीं किया। उन्होंने कभी अमेठी को जानने की कोशिश नहीं किया। 15 सालों में शिक्षा पटरी से उतर गई। अमेठी तहसील जो उनके संसदीय क्षेत्र का हृदय रहा है। मगर सरकारी फीस पर इंटर कालेज में पढ़ने वाला कोई कॉलेज नहीं है।

- राजेश कुमार ने कहा राहुल गांधी अदभुत आदमी हैं। वे केरल के वायनाड से सांसद हैं और केरल की जो साक्षरता है वो 100 परसेंट है। वहां का आदमी बिहार, उत्तर प्रदेश और MP से ज्यादा समझदार है।अगर उन्हें यही सब बातें उन्हें कहनी थी, तो इससे पहले उनके पिता और माता यहीं से सांसद थे तो ये लॉजिक उनकी सही नही। हां, ये लाजिक सही है जहां पे शिक्षा होगी वहां पर जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने कहा इसकी जिम्मेदार राहुल गांधी की सरकार भी रही उन्होंने क्यों स्कूल कॉलेज नहीं खोले।

क्या कहा था राहुल गांधी, स्मृति ने अहसान फरामोश कहा था
दरअसल राहुल गांधी दो दिन की यात्रा पर केरल पहुंचे थे। मंगलवार को त्रिवेंद्रम में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होने कहा, पहले 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बहुत नया था, क्योंकि अचानक मैंने पाया कि यहां के लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों पर विस्तार में जाने वाले हैं। मंगलवार को इस मामले पर अमेठी से सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तीखा हमला बोलते हुए उन्हें एहसान फरामोश बताया था।