एंटीलिया केस: अब NIA करेगी मनसुख हिरेन मामले की जांच

मुंबई। एंटीलिया के बाहर से बरामद स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने सेक्शन 8 के तहत इस जांच को NIA को सौंपने का फैसला किया है। ATS चीफ जयजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है।

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ATS ने मनसुख की मौत के बाद यह जांच अपने हाथ में ली थी। इसमें हत्या का केस दर्ज किया था। जांच के दौरान ATS ने अब तक 25 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक आदेश भी जारी कर दिया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि केस पर जल्द ही NIA को हैंडओवर किया जाएगा। नियम के मुताबिक, अगर एजेंसी किसी एक अनुसूचित अपराध की जांच कर रही है तो वह साथ में ही अपराधी द्वारा किए अन्य किसी मामले की जांच भी कर सकती है।

मनसुख का शव 5 मार्च को मुम्ब्रा की खाड़ी से बरामद हुआ था। उनकी पत्नी ने CIU के पूर्व अधिकारी सचिन बझे पर हत्या करवाने का आरोप लगाया था। पूर्व CM फडणवीस द्वारा इस मामले को विधानसभा में उठाने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इसकी जांच ATS को सौंप दी थी।

ATS को वझे के मनसुख की हत्या में शामिल होने का शक
एंटीलिया बम केस में सस्पेंड और गिरफ्तार सचिन वझे की अग्रिम जमानत याचिका को लेकर महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने ठाणे सेशन कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। इस दौरान ATS ने वझे के मनसुख की हत्या में शामिल होने पर शक जताते हुए उसकी कस्टडी की मांग की है। ATS यह जानना चाहती है कि 4 से 5 मार्च के बीच क्या हुआ था? घटनाओं का क्रम क्या था? 17 से 25 के बीच स्कॉर्पियो कार कहां थी? क्या वझे के पास थी? हालांकि, अदालत ने इस पर कोई फैसला नहीं दिया है और अगली सुनवाई 30 मार्च तक के लिए टाल दी है।

पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर्स के बयान दर्ज किए
ATS ने कालवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में उन तीन डॉक्टरों का बयान भी दर्ज किया है, जिन्होंने मनसुख का पोस्टमॉर्टम किया था। अब उनके बयान को NIA को सौंपा जाएगा। यह भी जानकारी सामने आई थी कि पोस्टमॉर्टम के समय सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे अस्पताल में मौजूद थे। ATS ने इस संबंध में भी डॉक्टर्स से पूछताछ की है।

वझे ने कहा- जब मनसुख लापता हुए वे डोंगरी में थे
सचिन वझे ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उन्हें फंसाने के लिए FIR दर्ज की गई। मनसुख हिरेन जब लापता हुए और उनकी कथित रूप से हत्या कर दी गई, उस समय में दक्षिण मुंबई के डोंगरी में था। वझे ने गिरफ्तारी से एक दिन पहले ठाणे सेशन कोर्ट में 12 मार्च को अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें सचिन वझे ने कहा कि, महाराष्ट्र ATS की FIR बेबुनियाद और बेमतलब है। FIR में किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। हालांकि, तब अदालत ने उनकी याचिका पर फैसला नहीं दिया था और केस 19 मार्च के लिए टाल दिया था।

वकील से अकेले मुलाकात करने की मांग रद्द
NIA ने मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया शाखा के कई अधिकारियों से भी पूछताछ की है जहां पर वझे तैनात थे और अबतक दो मर्सिडीज सहित पांच वाहन जब्त किए हैं। NIA की अदालत ने शुक्रवार को वझे के वकील के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसमें उन्हें अपने क्लाइंट से एजेंसी की हिरासत में रहने के बावजूद अकेले में मुलाकात करने की अनुमति मांगी थी। वझे 25 मार्च तक NIA की हिरासत में हैं।

यह है पूरा मामला?
उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी। हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है, लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी। इस मामले में उस समय पेंच आया, जब 5 मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे हिरेन मृत पाए गए थे। हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वझे को दी थी। उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी। हालांकि, वझे ने इससे इनकार किया है।

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