पंचायत चुनाव : तो इस वजह से मुलायम परिवार को मिली है बड़ी संजीवनी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों को लेकर हाईकोट के दखल से मुलायम परिवार को बड़ी राहत जरूर दे दी है। दरअसल यूपी में पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला दिया है और कहा था कि वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। नए आरक्षण में सैफई ब्लाक प्रमुख का पद अनारक्षित किया गया है।

Advertisement

इसके साथ ही मुलायम परिवार की दावेदारी अब कायम रहेगी। यहां पर 25 साल से ब्लाक प्रमुख पद पर मुलायम परिवार काबिज है। बता दें कि 2 मार्च को हुए आरक्षण में इस सीट को एससी महिला के लिए आरक्षित किया गया था।

इस वजह से मुलायम परिवार को बड़ा झटका लगा था। इस पद पर मुलायम सिंह के भतीजे की पत्नी ब्लाक प्रमुख थीं। सैफई ब्लाक प्रमुख सीट को काफी अहम माना जाता है।

इस सीट को लेकर शनिवार को जारी किए गए आरक्षण में अनारक्षित कर दिया गया है। इसके बाद मुलायम परिवार को बड़ी राहत मिल गई है। इससे साफ हो गया है कि सैफई ब्लाक प्रमुख पद पर अब फिर से मुलायम परिवार का दबदबा रहेगा।

क्या है सैफई ब्लाक का इतिहास

  • सैफई को ब्लाक पहली बार 1995 में बनाया गया था
  • तब से लेकर अब तक ये सीट कभी अनारक्षित तो पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित रही है
  • 1995 में ओबीसी
  • 2000 में अनारक्षित
  • 2005 में फिर से ओबीसी
  • 2010 में फिर अनारक्षित
  • 2015 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित रही

मुलायम परिवार का इस पर दबदबा देखने को मिलता रहा है। अब फिर से सीट अनारक्षित हो गई है, इससे इस परिवार की दावेदारी ब्लाक प्रमुख पद पर बनी रहेगी।

जानकारी मिल रही है कि ब्लाक प्रमुख पद पर सपा की ओर से मृदुला यादव ही प्रत्याशी होंगीं। गौरतलब हो कि मृदुला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की समधन हैं। मृदुला के बेटे मैनपुरी के पूर्व सांसद तेज प्रताप की शादी लालू की बेटी राजलक्ष्मी के साथ हुई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here