शाहजहांपुर। तीन माह बाद कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे दंत डेन्टल चिकित्सक वापस घर लौट रहे थे। आवारा पशुओं को बचाने के चक्कर में अपनी जान गवा बैठे। डाक्टर अपनी कार से कासगंज से लखनऊ जा रहे थे। हादसे के बाद उनकी पहचान आधार के द्वार की गई। उसके परिजनों को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ।रात में ही उनका पोस्टमार्टम कराने की बात की जा रही है।
लखनऊ के रहने वाले दंत डेन्टल डाक्टर 50 वर्षिय डाक्टर शिवकुमार कासगंज के जिला अस्पताल में तैनात थे। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्होंने तीन माह से छुट्टी नहीं ली थी। जानकारी के अनुसार उनको फोन पर बेटी के बीमार होने की सूचना मिली थी। डाक्टर ने छुट्टी ली और कार से लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अपने घर के लिए निकल पड़े।
आवारा पशुओं को बचाने के चक्कर में हुआ हादसा
डाक्टर कार खुद चला रहे थे। कलान थाना क्षेत्र के बदायूं फर्रुखाबाद स्टेट हाइवे पर एक ढाबे के पास आवारा अशु अचानक रोड पर आ गये। जिससे उनकी कार अनियंत्रित होकर खाई में जाकर एक पेड़ से टकरा गई। जिससे कार चला रहे डाक्टर शिवकुमार की मौके पर मौत हो गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने डाक्टर के शव को कार से बाहर निकाला। उनके कपड़े से आधार कार्ड मिला। जिससे उनकी पहचान हो सकी।
पुलिस ने दी परिजनों को सूचना
पुलिस ने पड़ताल करने के बाद डाक्टर के परिजनों को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद उनकी पत्नी और उनका साला शाहजहांपुर पहुंचे। जहां उनका पंचनामा भरा गया। इधर सूचना मिले ही सीएमओ एसपी गौतम लगातार अधिकारियों से फोन पर संपर्क करते रहे। बताया जा रहा है कि डाक्टर का पोस्टमार्टम रात में ही कराया जाएगा। डाक्टर की मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया।
वहीं कलान कस्बा चौकी इंचार्ज पंकज चौधरी ने बताया कि सूचना मिलते ही मौके पर गये थे। शव को कार से निकलकर उनके परिजनों को सूचना दी। डाक्टर कासगंज के जिला अस्पताल में दंत डेन्टल के पद पर तैनात थे।