लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने देश में कोरोना योद्धाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा है कि उत्तर प्रदेश में इसके अलावा चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिजनो को भी कोई राहत नहीं दी जा रही है।
मायावती ने ट्वीट के जरिये कहा कि कोरोना योद्धाओं के रूप में सम्मानित खासकर डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की सेवाकाल के दौरान हो रही बीमारी व मृत्यु आदि के सम्बंध में सरकारों की घोर अनदेखी व उपेक्षा की खबरें अति-दु:खद। उनकी सुरक्षा आदि के बारे में सरकारों को पूरी तरह से गंभीर होने की सख्त जरूरत।
एक अन्य ट्वीट में बसपा अध्यक्ष ने कहा इसी प्रकार, यूपी में पंचायत चुनाव की ड्यूटी निभाने वाले शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत की शिकायतें आम हो रही हैं, लेकिन इनकी सही जांच न होने के कारण इन्हें उचित सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है, जो घोर अनुचित। सरकार इस पर तुरन्त ध्यान दे।
पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान केवल तीन शिक्षकों की मौत होने के उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री के बयान पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवज़ा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है।
अखिलेश ने ट्वीट किया- उप्र की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवज़ा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है कि चुनावी ड्यूटी में केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है जबकि शिक्षक संघ का दिया आंकड़ा 1,000 से अधिक है। भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है। परिवारवालों का दुख ये हृदयहीन भाजपाई क्या जानें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य विभागीय कर्मियों की मृत्यु का दावा करते हुए सभी के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए के मुआवजे और आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
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