कोरोना : बिना वसीयत बनाए हो गई है मौत तो कानून के तहत होगा संपत्ति का बंटवारा

नई दिल्ली। वसीयत न होने से पूरा परिवार संपत्ति के बंटवारे को लेकर कानूनी पचड़ों में फंस जाता है। वसीयत न होने से संपत्ति का बंटवारा कानूनी आधार पर होता है। विल या वसीयत नहीं है तो संपत्ति का बंटवारा उसके धर्म के अनुसार लागू उत्तराधिकार संबंधी कानूनों के तहत होता है। हम आपको बता रहे हैं कि विल न होने पर संपत्ति पर किसका अधिकार रहता है।

Advertisement

क्या कहता है कानूनॽ
अधिवक्ता जितेंद्र समाधिया बताते हैं कि हिंदू, बौद्ध, जैन और सिखों के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 और हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 लागू हैं। अगर किसी हिंदू पुरुष की बिना वसीयत के मृत्यु हो जाती है, तो उसकी प्रॉपर्टी पर सबसे पहला हक क्लास 1 उत्तराधिकारियों का होगा। अगर वे नहीं हैं तो क्लास 2 उत्तराधिकारियों में प्रॉपर्टी बंटेगी।

अगर क्लास 1 और 2 में कोर्ट उत्तराधिकारी न हो?
अगर कोई क्लास 1 या 2 उत्तराधिकारी नहीं है तो दूर का कोई रिश्तेदार, जिसका मृतक से खून का संबंध (ब्लड रिलेशनशिप) हो, इसका उत्तराधिकारी बनेगा। अगर यह भी नहीं है तो मृतक की प्रॉपर्टी सरकारी संपत्ति बन जाएगी।

महिला की मौत होने पर कौन होगा वारिस?
अगर हिंदू महिला की मौत बिना वसीयत के होती है तो उसकी संपत्ति पर सबसे पहला हक उसके बेटे, बेटियों और पति का होता। दूसरा पति के वारिसों का, तीसरा माता या पिता का, चौथा पिता के वारिसों का और इसके न होने पर माता के उत्तराधिकारी संपत्ति पर अपना हक जता सकते हैं।

इस्लाम में क्या है कानून?
यदि किसी मुस्लिम व्यक्ति का निधन वसीयत के बिना हो जाता है तो उसके उत्तराधिकारियों का फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर होगा। यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह मुस्लिम धर्म के किस वर्ग से संबंधित हैं। शरिया कानून के अनुसार यह इस बात पर निर्भर करता है कि बोहरी, शिया या सुन्नी में किस वर्ग से आते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here