लखनऊ। रामायण सर्किट से प्रदेश के कई तीर्थ स्थलों को जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में चल रहे विकास कार्यों का ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए। रामायण सर्किट को प्रदेश के सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों से जोड़ने बात भी कही गई, इसका खाका जल्द ही आवास विकास द्वारा तैयार करवा लिया जाएगा।
प्रयाग और वाराणसी को अयोध्या से जोड़ने की योजना
राम नगरी अयोध्या के अलावा उत्तर प्रदेश में प्रयागराज और काशी सबसे पवित्र नगरी हैं। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम, अक्षयवट, प्रयागराज का किला और आनंदवन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। वहीं वाराणसी की बात करें तो यहां पवित्र गंगा नदी के साथ-साथ काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, भारत माता मंदिर और गंगा की पवित्र संध्या आरती आकर्षण का मुख्य केंद्र है।
इसके अलावा राजधानी लखनऊ में भी मनकामेश्वर मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर, अंबेडकर पार्क, लखनऊ संग्रहालय जैसी चीजें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। गोरखपुर भी एक बड़ा केंद्र बन रहा है, जहां गोरखनाथ मंदिर, रामगढ़ ताल, गीता वाटिका जैसे क्षेत्रों का विकास करके पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना है।
अयोध्या के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों का भी होगा विकास
अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के बाद यहां एयरपोर्ट से लेकर कई बड़े आकर्षक डेवलपमेंट किए जा रहे हैं। सिर्फ आयोध्या ही नहीं, यूपी सरकार प्रदेश के सभी बड़े तीर्थ स्थलों को आस्था और विश्वास के केंद्र के रूप में विकसित करेगी। अगर अयोध्या से अन्य क्षेत्रों की बात करें तो बुद्ध सर्किट यहां से ज्यादा दूर नहीं है।
वहीं अवध सर्किट और अन्य क्षेत्रों को भी अयोध्या से सीधे जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब कोई पर्यटक रामायण सर्किट घूमने आएगा तो वह अन्य जगहों पर भी आसानी से घूम कर 24 घंटे में ही वापस लौट सकता है। इसके लिए सभी क्षेत्रों को अयोध्या से जोड़ा जाएगा।