लखनऊ। सपा को जिलापंचायत अध्यक्ष चुनाव में उम्मीद के अनुरुप परिणाम नहीं मिला। पंचायत चुनाव में जहां बीजेपी से ज्यादा चेहरे सपा के जीतने पर खासा उत्साह देखने को मिला था। वह जिला पंचायत अध्यक्ष का फैसला आने पर फीका हो गया।
पार्टी करेगी मंथन
आने वाले विधानसभा चुनाव के चलते समाजवादी पार्टी का मंथन शुरू हो गया है। एक बार फिर से नए सिरे से संगठन को सक्रिय करने में सपा जुट गई है। अलग-अलग जिलों में सक्रिय और टिकाऊ लोगों को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। कई ऐसे जनपद है, जहां बदलाव करके चुनावी रणनीति को और बेहतर किया जाएगा। सपा के कई उम्मीदवार आखिरी मौके पर नामांकन वापिस लेकर झटका दे गए। इसीलिए भविष्य के खतरे को देखते हुए यह प्रयोग किया जा रहा है।
7 जुलाई को पार्टी कार्यलय में हो सकती है बैठक
राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर बड़ा बदलाव संभव है, इसी सिलसिले में सपा कार्यालय में 7 जुलाई को मंथन शुरू होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में हार का सामना करने वाली समाजवादी पार्टी इस हार का भी कारण तलाशने की कोशिश करेगी। साथ ही नए पार्टी जिलाध्यक्ष बनाने पर भी विचार हो सकता है। कई अन्य क्षेत्रीय नेता, जिनमें युवजन सभा, छात्र सभा, लोहिया वाहिनी समेत सभी विंग को सक्रिय किया जाएगा।
जमीनी स्तर पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी लोगों से जुड़ने की कोशिश करेगी। यूपी के विधानसभा चुनाव बहुत दूर नहीं हैं, बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करके एक बार फिर अपने कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास भर दिया है। वहीं दूसरी तरफ जनता पर भी बीजेपी के नजरिए से इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।
ऐसे में समाजवादी पार्टी को अगर सत्ता में वापसी करनी हैं तो अपने संगठन स्तर से लेकर कार्यकर्ताओं तक बड़े बदलाव करने होंगे। ऐसा ही कुछ आने वाले 7 जुलाई के बाद देखने को मिल सकता है। सपा कार्यालय पर अखिलेश यादव के साथ पार्टी के कई बड़े नेता भी उपस्थित होंगे, जिसमें बड़े संगठन स्तर के बदलाव पर विचार किया जाएगा।