हवाई फायरिंग कर तालिबान ने मनाया जश्न, कहा- हमलावरों को सबक US की हार

काबुल। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी हो गई है। पिछली रात को इससे पहले कि बारह बजते और तारीख बदलकर 31 अगस्त 2021 हो जाती, काबुल एयरपोर्ट से आखिरी अमेरिकी विमानों ने उड़ान भर ली और इसी के साथ अफगानिस्तान में बीस साल पहले शुरू हुआ अमेरिका का युद्ध भी समाप्त हो गया।

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तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका को 31 अगस्त से तक पूरी तरह अफगानिस्तान को छोड़ देना था। लेकिन अमेरिका चौबीस घंटे पहले ही अफगानिस्तान से निकल गया। जैसे ही अमेरिका के चार सैन्य परिवहन विमानों सी-17 ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, तालिबान के लड़ाकों ने जश्न में फायरिंग शुरू कर दी।

तालिबान ने जश्न में की गोलाबारी
काबुल एयरपोर्ट के पास रहने वाले लोगों को लगा कि शायद एयरपोर्ट पर एक और हमला हो गया है लेकिन जल्द ही तालिबान की तरफ से जारी किए गए संदेश से स्पष्ट हो गया कि ये जश्न में की गई गोलीबारी है। तालिबान समर्थकों ने ट्विटर पर लिखा- ‘और अमेरिका चला गया, युद्ध समाप्त हुआ।’

काबुल में तालिबान के प्रवक्ता अमानुल्ला वासिक ने ट्विटर पर बताया, ‘काबुल के लोगों डरो मत, ये गोलियां हवा में दागी जा रही हैं। मुजाहिदीन आजादी का जश्न मना रहे हैं।’

अफगानिस्तान से कूटनीतिक संबंध रखने के लिए कतर से ऑपरेट करेगा अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा- आज हमने काबुल में अपनी कूटनीतिक मौजूदगी को निरस्त कर दिया है और अपने ऑपरेशंस को कतर की राजधानी दोहा में ट्रांसफर किया है। अफगानिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध रखने के लिए हम दोहा, कतर में अपनी पोस्ट का इस्तेमाल करेंगे। अमेरिकी सेना की फ्लाइट्स रुक गई हैं और हमारी फौज अफगानिस्तान से रवाना हो चुकी है।

उन्होंने कहा, अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय मदद पहुंचाता रहेगा। यह सरकार के जरिए नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र और गैर-सरकारी संस्थाओं के जरिए किया जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान या कोई और समूह हमारे इन प्रयासों में बाधा नहीं डालेगा।

अमेरिकी सेना 9/11 के हमले के बाद साल 2001 में अफगानिस्तान में तैनात हुई थी। 20 साल बाद यह अभियान खत्म हुआ।
अमेरिकी सेना 9/11 के हमले के बाद साल 2001 में अफगानिस्तान में तैनात हुई थी। 20 साल बाद यह अभियान खत्म हुआ।

काबुल एयरपोर्ट अब किसी के कंट्रोल में नहीं
अमेरिकी विमानों ने अफगानिस्तान का एयरस्पेस छोड़ा भी नहीं था कि तालिबान ने अफगानिस्तान के अमेरिका मुक्त होने की घोषणा कर दी। इसी बीच नोटैम (नोटिस टू एयरमैन) ने आपात संदेश जारी कर कहा कि काबुल एयरपोर्ट अब किसी के नियंत्रण में नहीं है और यहां कोई एयर ट्रैफिक कंट्रोल भी नहीं है। इसका मतलब ये है कि किसी विमान का यहां से उड़ना या उतरना सुरक्षित नहीं है।

वहीं तालिबान का कहना है कि उसके स्पेशल फोर्स बदरी 313 ने काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा की कमान संभाल ली है। उधर जनरल मैकेंजी ने अमेरिका में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूरी तरह वापसी की घोषणा कर दी। जनरल मैकेंजी ने ये भी बताया कि अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश कर रहे कुछ अमेरिकी नागरिक अभी अफगानिस्तान में ही रह गए हैं।

कल तालिबान ने हजारा समुदाय के 14 लोगों की हत्या की
अफगानिस्तान के अखबार इतलेआत रोज ने दावा किया है कि दायकुंदी प्रांत के खदीर जिले में तालिबान ने कुल 14 लोगों को मारा है, जिनमें 2 आम नागरिक हैं। वहीं हजारा मामलों पर नजर रखने वाले एक कार्यकर्ता का कहना है कि हम स्वतंत्र तौर पर पीड़ितों से बात नहीं कर सके हैं लेकिन स्थानीय मीडिया ने 14 लोगों के मारे जाने की खबर प्रकाशित की है।

हजारा समुदाय से जुड़े कार्यकर्ताओं का दावा है कि हजारा बहुल जिले दायकुंदी में तालिबान ने नजीबा लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब में तोड़फोड़ और लूटपाट की है। हजारा पत्रकार बशीर अहंग के मुताबिक इस लाइब्रेरी में स्थानीय हजारा लड़कियां और लड़के पढ़ाई करते थे।

पंजशीर पर तालिबान ने हमला किया
पंजशीर में अहमद मसूद से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि तालिबान ने कई तरफ से हमला बोला है। पंजशीर के लड़ाके भी उनका जवाब दे रहे हैं। इससे पहले तालिबानी सूत्रों ने कहा था कि पंजशीर में कई गुट तालिबान के समर्थन में आ रहे हैं। पंजशीर पर हमले की पुष्टि कई सूत्र कर रहे हैं।

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