गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2 फीसद की वृद्धि एक क्रूर मजाक: कांग्रेस

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं और अन्य कृषि उपज के एमएसपी में बढ़ोतरी के एक दिन बाद कांग्रेस ने कहा है कि यह एक क्रूर मजाक के अलावा और कुछ नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने गुरुवार को कहा कि देश ने 75 वर्षों में सबसे अधिक ईंधन (कृषि क्षेत्र की जीवन रेखा) की कीमतों में वृद्धि देखी है और 12 वर्षों में गेहूं की सबसे कम एमएसपी वृद्धि देखी है।

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उन्होंने कहा कि भाजपा केवल ‘छीनने’ में विश्वास करती है और समर्थन नहीं करती है।किसान -मौजूदा एमएसपी वृद्धि पहले से ही किसान विरोधी भाजपा सरकार की कीमत चुका रहे किसानों के साथ एक क्रूर मजाक है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह वृद्धि उपज की लागत में वृद्धि की तुलना में कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गन्ने के एमएसपी में केवल 1.75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि गेहूं के एमएसपी में केवल 1.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। केवल 2 प्रतिशत और अन्य आइटम 10 प्रतिशत से कम हैं। उन्होंने कहा कि डीजल, कीटनाशकों और फर्टिलाइजर और अन्य वस्तुओं के दाम कई गुना बढ़ गए हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों तो बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सनफ्लावर का एमएसपी बढ़ा दिया गया है।

 

रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने के बाद किसानों को गेहूं और सरसों पर उपज की लागत का दोगुना रिटर्न मिलेगा। कैबिनेट बैठक के बाद बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दावा कि गेहूं पर प्रति क्विंटल 40 रुपये और सरसों पर 400 रुपये की बढ़ोतरी से किसानों की आय में बड़ा इजाफा होगा।

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