बसपा पहली बार करने जा रही नया प्रयोग, यूपी चुनाव जीतने के लिए यह है प्लानिंग

लखनऊ। यूपी की राजनीति में अलग राह चलने वाली बहुजन समाजपार्टी भी अब अन्य राजनीतिक पार्टियों की राह पर चलने जा रही है। पहली बार 31 सालों में बसपा बदली नजर आ रही है। चुनावी लाभ लेने के लिए लोक लुभावने वायदे कर रही है। किसी समय तिलक तराजू और तालवार…का नारा देने वाली बसपा अब सर्वसमाज की बातें कर रही है। भाजपा की तरह सत्ता में आने पर धार्मिक एजेंडे को भी धार देने की बात कर रही है। इसको देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बसपा अपना मूल रंग-ढंग बदलती नज़र आ रही है।

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सोशल मीडिया का सहारा

अमूमन मीडिया से दूरी बनाए रखने और समय-समय पर उसे कोसने वाली बसपा अब सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। मायावती हर मुद्दे पर अब ट्वीट कर अपनी बात कह रही हैं। इतना ही नहीं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र बकायदे पीआर एजेंसी लगाए हुए हैं। यह सब दर्शाता है कि बसपा अपने को बदल रही है। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके पीछे क्या मकसद है।

कर रही हैं स्थिति साफ

बसपा अमूमन घोषणा पत्र नहीं जारी करती है और न ही यह बताती है कि वह सत्ता में आने पर क्या करेगी, लेकिन इस बार मायावती यह साफ कर रही हैं कि वह क्या करेंगी। प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी के समापन पर सभी संस्कृत स्कूलों को सरकारी सुविधाएं देने, वित्तविहीन शिक्षकों के लिए आयोग बनाने और तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने का वादा तो किया ही साथ में यह भी साफ कर दिया कि अब वो सत्ता में आने पर स्मारक, पार्क व संग्रहालय नहीं बनवाएंगी यह भी साफ कर दिया और यह भी कह दिया कि अयोध्या, काशी व मथुरा का विकास कराएंगी।

हर वर्ग के लिए घोषणाएं

मायावती इस बार सभी वर्गों को ध्यान में रख कर चुनावी वायदे कर रही हैं। सभी वर्गों को खुश करने का प्रयास कर रही हैं जहां से उन्हें वोट मिल सकता है। युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही हैं तो कर्मियों की मांगों को पूरा करने के लिए आयोग बनाने की बात कर रही हैं। किसानों के हितों की बात कर रही हैं, तो सिखों को भी खुश करने के लिए वायदे कर रही हैं। ब्राह्मण, मुस्लिम, महिला, मजदूर के लिए उनकी पोटली में इस बार कुछ न कुछ है। सभी वर्गों को इस बार कुछ न कुछ देने की बात कर रही हैं।

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