सरकार आत्मनिर्भर होने की बात करती, लेकिन रास्ता नहीं बताती : अखिलेश यादव

लखनऊ। केन्द्र की भाजपा सरकार ने आर्थिक पैकेज उन्हीं को दिया है, जिन्होंने अभी तक अर्थव्यवस्था को डुबाया है। इस पैकेज से मजदूरों, किसानों और गरीबों को क्या मिला? गरीब, मजदूर भूखे मर रहे हैं। ये बातें सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही।
 
 अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर है। हम संगठन को मजबूत करते हुए जमीन पर कार्य कर रहे हैं। हमारा कार्यकर्ता गरीबों, मजदूरों किसानों के बीच रहकर उनकी मदद कर रहा है। हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश कुशासन का पर्याय बन चुकी भाजपा सरकार को हटाना है। जब देश की राजनीति का सवाल आएगा तो समाजवादी पार्टी फैसला लेगी। इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार सरकार के सामने अपनी बात रख रही है। 
 
 कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के बीच रहकर मदद कर रहे हैं, लेकिन यह सरकार बात तो मानती नहीं। गरीबों की मदद करने पर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करा दिया, लेकिन समाजवादी लोग इससे डरने वाले नहीं हैं।
 
पार्टी अब किसी दल से नहीं करेगी समझाैता
 
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं की राय है कि पार्टी अब किसी भी दल के साथ समझौता नहीं करेगी। अकेले चुनाव लड़ेगी। भाजपा राजनीतिक साजिश और षड्यंत्र करती रहती है अफवाहें फैलाती रहती है। इससे जनता को सावधान रहना पड़ेगा। यूपी ने देश को प्रधानमंत्री दिया। भाजपा की सरकार ने तीन एमओयू किए हैं, लेकिन क्या सरकार बताएगी किस उद्योगपति ने निवेश किया और उद्योगपति को किस बैंक ने कितना लोन दिया है। मुख्यमंत्री जितने निवेश की बात कर रहे हैं अगर उतना हुआ होता तो अब तक उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों को नौकरियां मिल चुकी होती। आज हालत यह है कि पुराने उद्योग धंधे डूब रहे हैं। 
 
कारोबार में भीषण मंदी, किसान तबाह
 
उन्होंने कहा कि सभी कारोबार में भीषण मंदी है। कौन सा कारोबार चलेगा और कौन सा बंद होगा, कोई नहीं जानता। आज किसान तबाह है। यूपी में गन्ना किसानों का बकाया 20 हजार करोड़ रुपया से ज्यादा हो चुका है, लेकिन सरकार को उसके बारे में कोई चिंता ही नहीं है। अभी भी गन्ना खेतों में खड़ा है। गेहूं की भी लूट हो गई। किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।
 
सरकार आत्मनिर्भर होने की बात करती, लेकिन रास्ता नहीं बताती
 
उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर होने की बात करती है। लेकिन आत्मनिर्भर होने का क्या रास्ता है, यह नहीं बताती। ऐसा लगता है कि सरकार किसानों की जमीन निजी हाथों में देने पर आमादा है। डिफेंस कॉरिडोर के नाम पर किसानों की हजारों हजार एकड़ जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह सब उद्योगपतियों को दी जाएंगी। कोविड-19 के संक्रमण रोकने में सरकार को जितनी जिम्मेदारी से कदम उठाने चाहिए थे, वैसा नहीं किया। यह सरकार विपक्षी सुझाव नहीं सुनते।
Advertisement

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here