अफसरशाही : ऑनलाइन कम्प्लेन करने पर जांच किये बिना कर दिया शिकायत निस्तारण

लखनऊ। नगर निगम के कर्मियों की एक बार फिर लापरवाही और अफसरशाही देखने को मिली है। शिकायतकर्ता द्वारा ऑनलाइन कम्प्लेन करने पर नगर निगम के कर्मचारी द्वारा बिना जांच किये ही आख्या प्रेषित करने के मामला सामने आया है। अफसरशाही में उसने शिकायतकर्ता से बिना बात किये ही उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए आख्या प्रेषित कर दी और मामला अपने विभाग से संबंधित न होने की बात कहकर पलड़ा भी झाड़ लिया।

Advertisement

यह बात खुद पीड़ित ने सोशल मीडिया के माध्यम से महापौर संयुक्ता भाटिया को टैग करते हुए लिखी। लेसा विभाग में ठेकेदारी करने वाले अविनाश पांडेय गोमतीनगर के विकल्प खंड चार में रहते हैं। उन्होंने क्षेत्र में नालियों में जमे हुए कचरे, टूटी हुई सड़कों और बदहाल पड़ी पार्कों के लिए नगर निगम को आईजीआरएस के जरिये 20 जून को शिकायत की थी। वही उनकी इसकी शिकायत पर नगर निगम के कमर्चारी शिव प्रसाद ने शिकायतकर्ता से बात किये बिना ही आख्या प्रेषित कर दी।

अविनाश का आरोप है कि नगर निगम के कर्मचारी ने उनसे सम्पर्क तक नहीं किया और उच्चाधिकारियों को झूठी आख्या प्रेषित करते हुए एलडीए को अग्रेषित कर दी है। गोमतीनगर विकल्पखंड चार निवासी अविनाश पांडेय बताते हैं कि वर्ष 2015 में समाजवादी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री से रोडों के खस्ता हाल होने की शिकायत की तो एक हफ्ते की भीतर ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया गया था।

उन्होंने बताया कि उस समय बनाई गई सड़क बहुत मजबूत बनी जो दो साल तक चली थी। वहीं 2017 में बनी सड़क चार महीने में खस्ताहाल हो गई थी। अविनाश बताते हैं कि गोमतीनगर के विकल्पखंड चार में कई आईएएस, पीसीएस और आईपीएस ने प्लाट खरीदे हैं। उन सब ने इन प्लॉटों में बाउंड्री कराकर कब्जा कर लिया।

वही खाली पड़े प्लाट पर बांग्लादेशी और रोहंगिया ने झोपडी बना ली थी। 2017 में उन्होंने इसकी शिकायत सीएम योगी से की। तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने सीएम कार्यालय से जारी आदेश पर जमीनों को कब्जा मुक्त कराया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here