रायबरेली। जमीन के खेल में एक व्यक्ति को पाकिस्तानी घोषित कर उसकी जमीन कब्जाने का मामला सामने आया है। न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इस खेल में संलिप्त नायब तहसीलदार और ग्राम प्रधान सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने माना कि वादी की जमीन को गैर-कानूनी घोषित कर फर्जीवाड़ा किया गया है। इसमें गहन जांच की जरूरत है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मेराज अहमद के इस आदेश के बाद राजस्व महकमें में हड़कंप मचा है।
दरअसल, महराजगंज थाना क्षेत्र के रसेहता निवासी फौलाद अहमद पुत्र शहजादे ने 5 दिसंबर 2018 को न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था कि उसके परिवार के ही महताब खां निवासी छोटी बाजार सदर कोतवाली ने चकबंदी अधिकारियों से मिलकर कूट रचित कर दस्तावेजों में हेराफेरी की और मुझे पाकिस्तान में जाकर बसने की बात कहकर मेरी जमीन अपने नाम करा ली और बाद में यही जमीन जितेन्द्र सिंह नाम के एक व्यक्ति को बेच दी। इसका कुछ भाग ग्राम सभा में भी दर्ज किया गया। 27 नवंबर 2017 को चकबंदी के नायब तहसीलदार ने इस संबंधित में आदेश भी पारित कर दिया।
वादी ने न्यायालय को बताया कि वह भारत का ही निवासी है और आजादी के पहले से ही यहीं रह रहा है। वादी के अनुसार इस फर्जीवाड़े में चकबंदी कार्यालय के तत्कालीन नायब तहसीलदार संजय सिंह, कानून गो विजय सिंह, पहाड़पुर के प्रधान धीरेंद्र सिंह, कोटेदार धीरेंद्र विक्रम सिंह, कलावती, जितेन्द्र सिंह भी शामिल थे। सक्षम न्यायालय ने सभी प्रपत्रों का अवलोकन करने और लंबी सुनवाई के बाद माना कि दस्तावेजों में गड़बड़ी की गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले में सभी सात लोगों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का पुलिस को आदेश दिया है कि और कहा है कि प्रकरण की गहन जांच कर रिपोर्ट दी जाय।
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