कांग्रेस में थम नहीं रहा घमासान, सुबह सिब्बल तो दोपहर में शास्त्री ने बढाई सोनिया की परेशानी

नई दिल्ली। कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन पर जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। पार्टी के नेता अब खुलकर बोलने लगे हैं। कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में कुछ चीजों की कमी है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बैठकें पार्टी के नेताओं के बीच नहीं होती हैं। अगर राज्यों के पार्टी नेता दिल्ली आते हैं, तो उनके लिए वरिष्ठ नेताओं से मिलना आसान नहीं है।

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उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे सीनियर नेता पार्टी नेताओं से मिलना शुरू कर दें तो 50% समस्या खत्म हो जाएगी।’ अनिल पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के छोटे बेटे हैं।

कांग्रेस पार्टी में जारी विवाद के बीच कपिल सिब्बल ने मंगलवार को एक और ट्वीट किया, जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस में जारी अंतर्कलह अभी खत्म नहीं हुई है। हालांकि सिब्बल ने अपने ट्वीट में देश को किसी पद से ज्यादा महत्वपूर्ण बताया है।

कपिल सिब्बल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि ‘यह एक पद के बारे में नहीं है। यह मेरे देश के बारे में हैं जो सबसे ज्यादा मायने रखता है।’ उन्होंने यह ट्वीट बीते दिन कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में हुए हंगामे के बाद किसी पद को अहमियत देने की बात को लेकर कहा। दरअसल राहुल गांधी के ‘मिलीभगत’ वाले बयान को लेकर सिब्बल पहले भड़क गए थे फिर बाद में वह संभल गए थे। ऐसे में माना जा रहा था कि सब ठीक हो गया लेकिन आज के उनके ट्वीट ने फिर से कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

दूसरी तरफ कांग्रेस से निलंबित चल रहे नेता संजय झा ने कपिल सिब्बल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘यह तो अंत की शुरुआत है।’ संजय झा ने भी पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल उठाए थे जिसके बाद उन्हें पार्टी लाइन से बाहर बात करने के लेकर निलंबित कर दिया गया। ऐसे में अब वे कांग्रेस में जारी अंतर्कलह को लेकर स्पष्ट तौर पर नीतियों में परिवर्तन की हिमायत कर रहे हैं।

इस क्रम में अब नया नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री का जुड़ गया है। उन्होंने मंगलवार को कहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दूसरे राज्यों के नेताओ-कार्यकर्ताओं से मिलने से गुरेज खाते हैं। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस में कहीं ना कहीं कोई कमी होने की बात को हवा मिल रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल शास्त्री का कहना है कि पार्टी की सबसे बड़ी कमी यह है कि यहां नेताओं के साथ बैठक नहीं होती है। लोगों के बीच संवाद नहीं होने से कई समस्याएं पैदा होती हैं। वहीं उऩ्होंने पार्टी नेतृत्व में भी कमी होने की बात कही है। उन्होंने पूछा कि आखिर क्या कारण है कि अलग राज्य से आने वाले नेताओं के लिए वरिष्ठ नेताओं से मिलना आसान नहीं होता।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर पार्टी के शीर्ष नेता अपने सहयोगियों और अन्य राज्यों के नेताओं से मिलना शुरू कर दें तो 50 फीसदी समस्याओं का हल यूं ही हो जाए। उन्होंने कहा कि अब भी समय है कि पार्टी नेतृत्व संवाद को बढ़ावा देते हुए बैठकों को सुचारू करने पर विचार करे, अन्यथा आगे के दिन में स्थिति और बिगड़ेगी।

 

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