लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हसनगंज क्षेत्र में कबीर मठ के प्रशासनिक अधिकारी धीरेंद्र दास को गोली मारने के दो दिन बाद बुधवार को इलाज दौरान मौत हो गई। सोमवार सुबह बुकिंग कराने आए बदमाशों ने दो गोली मारी थी। जिसमे बाद गंभीर हालत में ट्रामा में भर्ती कराया गया था।
डीसीपी उत्तरी ने बताया कि बुधवार को इलाज दौरान धीरेंद्र दास की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया हैं वहीं गोली मारने वाले मुख्य आरोपी समेत तीन फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
दरअसल हसनगंज थाना क्षेत्र के डालीगंज में कबीर मठ है। यहां धार्मिक और अन्य समारोह आयोजित होते हैं। जिसके लिए मठ को बुक किया जाता है। बीते सोमवार सुबह दो लोग बुकिंग कराने आए थे। बात करते-करते एक ने प्रशासनिक अधिकारी धीरेंद्र दास को गोली मार दी थी। इसके बाद दोनों फरार हो गए थे।
सीसीटीवी में नहीं मिला कोई सुराग
फिलहाल पुलिस की टीमें को सीसीटीवी में कुछ ख़ास सुराग हाथ नहीं लगे थे। एडीसीपी उत्तरी राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि,कबीर मठ के अधिकारी धीरेंद्र दास की हत्या पैसों के लेन देन में की गई थी। धीरेंद्र के साथी ने करवाई हत्या थी। हत्याकांड की साजिश में शामिल 2 लोग सुधीर पांडे, आलोक वर्मा को पकड़ा गया है। तीन अन्य बदमाशों के साथ मिलकर साजिश रची थी। गोली मारने वाले हत्यारोपी अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही हैं।
पहले भी हो चुका था हमला
साल 2015 में भी कबीर मठ के धीरेंद्र दास प्रशासनिक अधिकारी पर गोली चली थी। उस समय की जांच में आपसी मामला पाया गया था। इस मामले में पुलिस को आपसी रंजिश का मामला सामने आया था।