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पाकिस्तान में सरकारी टीवी चैनल की महिला जर्नलिस्ट की गोली मारकर हत्या

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में शनिवार को एक महिला जर्नलिस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शाहीना शाहीन सरकारी टीवी चैनल पाकिस्तान टीवी में एंकर और रिपोर्टर थीं। कुछ दिनों पहले ही उनका बलूचिस्तान के तुरबत में ट्रांसफर किया गया था। शाहीन के पहले पिछले साल मई में उरूज इकबाल नामक महिला पत्रकार की भी गोली मारकर हत्या की गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1992 से अब तक यानी 28 साल में पाकिस्तान में 61 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है। इसी हफ्ते प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक इंटरव्यू में पाकिस्तान में पत्रकारों को सुरक्षित बताया था।

युवा पत्रकार थीं शाहीन
शाहीन पहले इस्लामाबाद में एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करतीं थीं। इसके बाद उनका चयन सरकारी टीवी चैनल में हो गया। इस्लाबाद में कुछ महीने रहने के बाद शाहीन का ट्रांसफर बलूचिस्तान के तुरबत में हो गया। वे एक लोकल मैगजीन की एडिटर भी थीं। 27 साल की शाहीन क्वेटा यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी कर रहीं थीं।

हत्यारे फरार
शाहीन की हत्या उनके घर में घुसकर की गई। पुलिस के मुताबिक, दो हमलावर उनके घर पहुंचे। दरवाजा खोलते ही शाहीन पर गोलियां चलाई गईं। शाहीन को पांच गोलियां लगीं। पुलिस के मुताबिक, एक अज्ञात व्यक्ति शाहीन को कार में लेकर अस्पताल पहुंचा। लेकिन, वो कुछ देर बाद गाड़ी वहीं छोड़कर फरार हो गया। पुलिस घटना की जांच कर रही है। शाहीन के परिवार ने कुछ लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया है। इनमें शाहीन का पति भी शामिल है। शाहीन की पांच महीने पहले ही शादी हुई थी।

सरकार ने दुख जताया
बलूचिस्तान सरकार के प्र‌वक्ता लियाकत शाहवानी ने घटना पर दुख जताया। कहा- हम शाहीन का कत्ल करने वालों की तलाश कर रहे हैं और बहुत जल्द हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मीडिया वॉचडॉग फ्रीडम नेटवर्क ने भी घटना पर दुख जताते हुए कातिलों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।

पाकिस्तान में पत्रकार महफूज नहीं
पिछले साल मई में महिला पत्रकार उरूज इकबाल की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करती थीं। परिवार ने एक स्थानीय नेता पर हत्या करवाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इसे खारिज कर दिया था। अब तक कातिलों का पता नहीं लगाया जा सका है। उरूज की हत्या उनके ऑफिस के बाहर की गई थी। हमलावर कार से आए थे और बाद में आराम से फरार भी हो गए थे। 1992 से अब तक पाकिस्तान में 61 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है।

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