महोबा। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी पर जानलेवा हमला, रंगदारी मांगने के आरोप में फरार चल रहे IPS मणिलाल पाटीदार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। सोमवार रात उनके खिलाफ SIT के विवेचक प्रयागराज SP क्राइम आशुतोष मिश्रा की तहरीर पर धारा 174 A के तहत कबरई थाने में केस दर्ज किया गया है।
दरअसल, नियमानुसार आरोपी को एक माह के भीतर कोर्ट के सामने हाजिर हो जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया। इस प्रकार उन्होंने कोर्ट के आदेश की अवहेलना की। उनका यह कृत्य दंडनीय अपराध है।
दरअसल, महोबा के पूर्व SP मणिलाल पाटीदार के खिलाफ दर्ज जानलेवा हमला, रंगदारी मांगने, धमकाने व आपराधिक साजिश रचने के अलावा भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज FIR की विवेचना SP क्राइम आशुतोष मिश्रा कर रहे हैं। उन्होंने महोबा के SP को पत्र भेजकर केस दर्ज कराने की बात कही थी। इसी के बाद भगोड़े IPS पर कबरई थाने में केस दर्ज किया गया है।
भगोड़े IPS पर 50 हजार का इनाम
बीते 15 नवंबर को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने IPS मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव को भगोड़ा घोषित किया था। इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला को UP STF गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं, शासन ने IPS और कांस्टेबल पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। इसके बाद IPS पर 25 हजार का इनाम और बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच के अलावा STF दोनों को गिरफ्तार करने में जुटी हैं। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।
कुर्की की कार्रवाई भी जारी
IPS मणिलाल पाटीदार के खिलाफ 13 नवंबर को कुर्की की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जिसके तहत कुर्की की कार्रवाई से संबंधित 82 का नोटिस 17 नवंबर को आरोपी के घर के बाहर चस्पा किया गया है। महोबा के चरखारी थाने में तैनात SI समेत अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने फरार IPS के राजस्थान में डूंगरपुर जिले के थाना सगवाड़ा के सरौंदा गांव स्थित घर पर पहुंचकर नोटिस तामील कराया है।
इंस्पेक्टर की जमानत अर्जी खारिज
कबरई के बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेंद्र शुक्ला की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है। विशेष जज गौरव शर्मा ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है। अभियोजन की ओर से इसकी जमानत अर्जी का जोरदार विरोध करते हुए कहा गया कि मुल्जिम पर लोकसेवक के पद पर रहते हुए न सिर्फ अवैध उगाही बल्कि व्यापारी इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का भी आरोप है।
20 नवंबर को देवेंद्र को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। सरकारी वकील डीसी यादव ने अर्जी का विरोध करते हुए यह भी तर्क दिया कि इस मामले में निरुद्ध दो अन्य मुल्जिम ब्रह्म दत्त तिवारी व सुरेश सोनी की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल है।
यह है मामला
दरअसल, क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी। करीब 5 दिन तक कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के बाद उनकी 13 सितंबर को मौत हो गई। इससे पूर्व 7 सितंबर को इंद्रकांत ने एक वीडियो जारी कर पाटीदार पर संगीन आरोप लगाते हुए खुद की हत्या की आशंका जताई थी।
आरोप लगाया था कि पाटीदार ने कारोबार करने के लिए 6 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने की धमकी दी थी। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व SP मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र व कांस्टेबल अरुण और दो अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।