पश्चिम बंगाल एक और मुसीबत: शुभेंदु पर पहले FIR, अब जॉब स्कैम में सहयोगी अरेस्ट

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता और नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले राहत सामग्री में चोरी के आरोप में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ और अब एक अलग स्कैम में उनका सहयोगी पकड़ा गया है। दरअसल, कोलकाता पुलिस ने पश्चिम बंगाल सिंचाई विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने के आरोप में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी माने जाने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है।

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शनिवार को मानिकतला थाना पुलिस ने आरोपी राखल बेरा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, बेरा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर राज्य के सिंचाई विभाग में नौकरी का झांसा देकर एक व्यक्ति से दो लाख रुपये की कथित ठगी की।

कोलकाता पुलिस ने कहा कि कल्याणगढ़ के अशोकनगर निवासी सुजीत डे द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मानिकटोला थाने में दिनांक 27 फरवरी, 2021 को आईपीसी की धारा 120 बी / 420/467/468/471 के तहत एक मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने बताया कि बेरा पर सिंचाई विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई लोगों को ठगने का आरोप है। उस पर वित्तीय धोखाधड़ी के भी कई आरोप लगे हैं। आरोपी बेरा को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने सिंचाई विभाग में भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है और बेरा की गिरफ्तारी को उस दिशा में पहली कार्रवाई माना जा रहा है।

पुलिस का मानना है कि राज्य के पूर्व सिंचाई मंत्री और अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी माने जाने वाले बेरा से पूछताछ करके और जानकारी हासिल की जा सकती है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल के कांथी में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अधिकारी के खिलाफ यह केस टीएमसी की उस शिकायत के बाद दर्ज किया गया है जिसमें पार्टी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी व उनके भाई ने नगरपालिका से राहत सामग्री की चोरी की है।

शुभेंदु ने ममता को हराया था
शुभेंदु ने विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से 1956 वोटों से मात दी थी। चुनाव में पहली बार भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बनकर उभरी। कुल 292 सीटों में से तृणमूल को 213 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा के खाते में 77 सीटें आईं। दो सीटों पर अन्य ने जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन का खाता तक नहीं खुला था।

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