लखनऊ। भारत सरकार (Indian Government) की द्वारा खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमान (Rafel Deal) में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। इस बार बहस जरिया बना है फ्रांस। गौरतलब है कि फ्रांस सरकार (France Government) ने इस कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर एक न्यायिक जांच बैठाई है।
जिसके बाद से देश की सियासत में एक बार फिर केंद्र में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार को सलाह दी है कि इसका संज्ञान लेकर मुद्दे को विराम दे। इतना ही नहीं मायावती ने राफेल विमान के कथित भ्रष्टाचार में कांग्रेस (Congress) को भी आड़े हाथों लिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने साल 2016 में 36 राफेल विमान खरीदे थे। जिसके लिए 7.8 अरब यूरो का सौदा तय हुआ था। आरोप है कि इस सौदे में जमकर धांधली की गई थी। इसको लेकर भारत में विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए थे।
साथ ही जांच की मांग की थी। आरोपों की आंच फ्रांस तक भी पहुंची तो वहां पर भी इस कथित भ्रष्टाचार की जांच मांग जोर पकड़ने लगी। अब फ्रांस सरकार ने जांच बिठा दी है।
फ्रांस द्वारा न्यायिक जांच बिठाये जाने के निर्णय के बाद भारत में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी (BJP) सरकार को घेरने की कोशिशों में जुट गई है। लगातार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत कांग्रेसी नेता मोदी सरकार पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं।
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भारत सरकार द्वारा राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर फ्रांस की सरकार द्वारा बैठाई गई न्यायिक जांच का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। देश-दुनिया की नजर इस पर बन गई है। ऐसे में केंद्र सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए इस पर अपना पक्ष रखना चाहिए।
कांग्रेस को भी घसीटा
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि वैसे रक्षा सौदों में कमीशन का आरोप-प्रत्यारोप व इसकी जांच आदि होना यहाँ कोई नया नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार के समय से ही पुराना ज्वलन्त अध्याय है। लेकिन, केन्द्र की वर्तमान सरकार राफेल विवाद को जनसंतोष के मुताबिक निपटारा करके इस मुद्दे को विराम देना चाहिए।