लखनऊ। देश के सबसे बड़े राज्य की पुलिस फ़ोर्स हाईटेक होने के बावजूद खूंखार अपराधियों के आगे अपना इक़बाल खोती जा रही है। अपराधी लगातार चुनौती देते हुए पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। सरकार कोई भी रही हो, बेख़ौफ़ अपराधी तो खाकी को खून से लाल कर ही रहे हैं, हालांकि ये जरूर है कि इतने पुलिसकर्मियों की मुठभेड़ में शहादत इससे पहले नहीं हुई।
पुलिस कर्मियों की हत्या सिर्फ योगी राज में ही नहीं इससे पहले की सपा सरकार और बसपा की सरकार में भी खाकी खून से लाल होती रही है। बता दें कि 4 जून 2020 को पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने पुलिसकर्मियों पर आपराधिक तत्वों द्वारा लगातार हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की था और सीनियर अफसरों को इन्हें रोकने के कई निर्देश दिए थे। यदि इन निर्देशों का पालन कराया गया होता तो शायद कानपुर जैसी दुस्साहसिक घटना नहीं होती।
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या से कठघरे में योगी सरकार
कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके सहयोगियों की गोलियों का शिकार हुए सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने और खाकी को खून से रंगवाने में गद्दार पुलिसवालों का हाथ है। कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव निवासी खूंखार इनामी बदमाश विकास दुबे को पकड़ने के लिए सीओ बिल्हौर देवेन्द्र कुमार मिश्र और थाना प्रभारी महेश यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनुप कुमार, सब इंस्पेक्टर नेबूलाल, कांस्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, जितेंद्र व बबलू शहीद हो गए। बहादुर पुलिस जवानों ने बदमाश विकास दुबे का मामला प्रेम प्रकाश पाण्डेय व अतुल दुबे को मार गिराया। इससे पहले भी खाकी खून से लाल हुई है। हालांकि कानपुर की घटना से योगी सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है।
पिछली सरकारों में भी इन वर्दीधारियों की हो चुकी हत्या
2 जून 2016 को मथुरा के जवाहरबाग कांड में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और इंस्पेक्टर संतोष यादव शहीद हो गए थे। जवाहरबाग कांड में रामवृक्ष यादव के 27 समर्थक भी मारे गए थे। उपद्रवियों की गोलियों का शिकार हुए मुकुल द्विवेदी और इंस्पेक्टर संतोष यादव की शहादत ने पूरे देश को हिला दिया था। हमलारों ने पुलिस पर गोरिल्ला युद्ध किया था।
15 जून 2014 को फिरोजाबाद जिला के रामगढ में कोबरा मोबाइल पर तैनात पुलिसकर्मी गिरिराज किशोर और दिनेश की लुटेरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
3 सितंबर 2013 को बागपत जिला के बड़ौत बावली निवासी सिपाही कृष्णपाल की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। सिपाही गाजियाबाद एसपी के यहां तैनात था।
21 जुलाई 2013 को बागपत जिला में औद्योगिक क्षेत्र पुलिस चौकी में सिपाही विक्रम सिंह भाटी की हत्या कर दी गई थी। ये हत्या अपने दुश्मनों को फंसाने के लिए झिंझाना थाना क्षेत्र के हरसाना गांव निवासी विनोद पुत्र ब्रजपाल कश्यप ने की थी।
5 जून 2013 को सहारनपुर जिला में हरियाणा से पंप लूटकर भाग रहे बदमाशों से मोर्चा लेते समय तत्कालीन सीओ उमेश यादव का हमराह (सिपाही) राहुल ढाका शहीद हो गया था।
15 जून 2013 को इलाहाबाद के शंकरगढ़ इलाके में बदमाशों की गाड़ी का बिना यूनिफार्म पीछा कर रहे एसओ आर.पी.द्विवेदी की बदमाशों ने हरयी गांव के पास गोली मरकर हत्या कर दी थी।
7 जून 2013 को तत्कालीन इंस्पेक्टर कैंट अख्तर सज्जाद के साथ दबिश देने कैंट के बभिया गांव गई पुलिस टीम में इंस्पेक्टर के ड्राइवर अनिरुद्ध यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
30 मई 2013 को मथुरा जिला में अपराधी को पकड़ने गई आगरा एसओजी टीम पर बेख़ौफ़ बदमाशों ने हमला कर दिया था, इस महल में सिपाही सतीश परिहार शहीद हो गए थे।
17 मई 2013 को चित्रकूट जिला में दिल्ली से आठ लाख की चोरी कर भागे आरोपी को दबोचने आये एएसआई जय भगवान की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना में एएसआई के हमराही सिपाही गौरी शेखर, मुकेश कुमार, श्यामलाल और बिलहरी जान बचाकर भाग गए थे।
2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ जिले में तिहरे हत्याकांड के उपजे तनाव को निपटाने गए सीओ कुंडा जियाउल हक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था।
2 अगस्त 2013 को फीरोजाबाद में आगरा-कानपुर हाईवे पर रात्रि गश्त करती पुलिस टीम ने तीन बदमाशों को पकड़ लिया। इस बीच बदमाशों ने छूटने को दम लगाया और एक सिपाही रमाकांत को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
20 दिसंबर 2009 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के विशेष कार्य अधिकारी सीपी बिंद के गनर हेड कांस्टेबल रामलाल की गोल्फ क्लब चौराहे के पास गोली मार के हत्या कर दी गई थी, वह ड्यूटी से घर जा रहे थे, बदमाश उनकी कार्बाइन लूट के ले गए थे।
वर्ष 2008 में ग़ाज़ीपुर के भूतनाथ मार्केट के पास सरेशाम आरक्षी राजेन्द्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
वर्ष 2003 में उप निरीक्षक अनूप स्वामी की बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी थी थी।
वर्ष 2008 में ग़ाज़ीपुर के भूतनाथ मार्केट के पास सरेशाम आरक्षी राजेन्द्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
वर्ष 2003 में उप निरीक्षक अनूप स्वामी की बाइक सवार बदमाशों ने हत्या कर दी थी थी।