रायबरेली। लॉकडाउन के बावजूद देश में कोरोना से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इससे हमारे कोरोना वॉरियर्स भी अछूते नहीं है। इस बीच रायबरेली जिले में 43 कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगे डॉक्टरों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यहां बछरावां में बने आइसोलेशन सेंटर के डॉक्टर ने बुधवार को वीडियो जारी किया। आरोप लगाया कि, उन्हें न तो सही भोजन दिया जा रहा न ही पर्याप्त पानी। 25 की टीम पर 20 लीटर पानी मिल रहा है। सेंटर का बाथरूम चोक है। एक बाथरूम में 25 लोगों को नहाना पड़ रहा है। पीपीई किट भी संक्रमण रोक पाने में अक्षम है। डॉक्टरों ने साफ कहा कि, वे यहां पिकनिक मनाने नहीं आए हैं। लेकिन हमें सुरक्षा तो जरूर चाहिए। यदि कोई एक पॉजिटिव हो गया तो पूरी टीम संक्रमित हो जाएगी। आरोप है कि, शिकायत करने के बाद भी सुविधाएं नहीं दी गई हैं।
उठाए सवाल- क्या हमें पॉजिटिव करने के लिए यहां भेजा गया
डाक्टर ने बताया कि सोने की व्यवस्था ऐसे दी गई है कि एक स्कूल है। जिसमे बड़े-बड़े क्लास रूम हैं और उसमें चार बेड लगाकर दे दिए गए हैं। इसके अलावा यहां तीन जेंट्स वाशरूम हैं, और तीनो चोक हैं। शिकायत पर एक सचल शौचालय बाहर खड़ा कर दिया गया है। नहाने के लिए बाथरूम नहीं है। रात भर लाइट नहीं थी, सुबह से नाश्ता पानी कुछ नहीं आया। पीने का पानी नहीं है। एक बॉटल पानी 20 लीटर का 11:30 बजे दिया गया। कहा गया कि, 25 लोगों के स्टाफ पर प्रतिदिन इतना ही दिया जाएगा।

डॉक्टर ने सवाल उठाते हुए कहा- हम जानना चाहते हैं कि हम लोग अगर मरीज को देख रहे हैं तो क्या एक्टिव क्वारैंटाइन के लिए यही मानक हैं? प्रशासन क्या हम लोगों की लाइफ से खिलवाड़ करना चाहता है या वो चाहता है कि डाक्टर जाए ड्यूटी करें, पाजिटिव होंगे तो हम बाद में इलाज कर लेंगे।

डाक्टर ने कहा कि जब हम लोगों ने प्रशासन के सामने ये बात रखी तो कहा गया कि हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। यहां फर्श पर बड़े-बड़े गढ्ढे हैं। उसको छिपाने के लिए दरी बिछा दी गई है। इस पर सैनिटाइजेशन हो ही नहीं सकता। सेनेटाइजेशन के मानक हैं हर तीन घंटे में सैनिटाइज किया जाए। आज कुछ लोग बाहर और कुछ मोबाइल टायलेट में गए हैं। प्रिंसिपल का आफिस है। वहां एक बाथरूम है। जिसमे 25 लोग नहाते हैं। पीपीई किट पर्याप्त नहीं है। एक तो ये प्लास्टिक का नहीं झिल्ली दार है। चश्मे भी जो मिले हैं वो छोटे साइज के हैं। शू कवर छोटा दिया गया है।

सीडीओ ने खड़े किए हाथ: डॉक्टर का आरोप
डॉक्टर ने कहा- मंगलवार की रात में एक रेड कलर की झिल्ली में पूड़ी डालकर उसे बांध दिया गया था। उसी तरह रेड झिल्ली में पेपर में सब्जी बांध दी गई थी। सुबह से 11 बजे तक चाय नहीं मिली। किंग जार्ज मेडकिल यूनिवर्सिटी से जारी डाक्टरों के चार्ट का वन पर्सेंट भी फालो नहीं हो रहा है। हमें फाइव स्टार व्यवस्था नहीं चाहिए, हम अपनी सुरक्षा मांग रहे हैं, हम यहां पिकनिक मनाने नहीं आए हैं। डाक्टर ने कहा के जब हम लोगों ने सीडीओ अभिषेक गोयल से मांग की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। हालांकि इस मामले पर कोई अधिकारी अब कुछ बोलने को तैयार नहीं है।