नई दिल्ली। Syria Civil War: सीरिया में एचटीएस विद्रोहियों के कब्जे के बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद अब रूस पहुंच गए हैं। असद सरकार का तख्तापलट हो गया है, राष्ट्रपति बशर अल-असद विद्रोहियों के हमले के बाद देश छोड़कर भाग गए हैं। असद ने रूस में राजनीतिक शरण ली है।
सीरिया के इस विद्रोह के बाद दुनियाभर के देशों के रिएक्शन भी सामने आ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, सीरिया में विद्रोह की शुरुआत कब और कैसे हुई थी? अब आपको आगे 13 साल पुराने इस युद्ध के पीछे का पूरा इतिहास बताते हैं।
सीरिया में सुधार की मांग को लेकर ट्यूनीशिया, मिस्र और लीबिया में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कई छोटे-छोटे प्रदर्शन किए गए थे। सीरियाई सुरक्षा बल कई लोगों को गिरफ्तार करके प्रदर्शनों को नियंत्रित करने में सक्षम रहे हैं।
6 जून, 2011सीरियाई आधिकारिक मीडिया ने बताया कि तुर्की सीमा के पास उत्तरी शहर जिसर अल-शुघुर में सशस्त्र गिरोहों ने 120 सैनिकों की हत्या कर दी थी। इस बीच विपक्ष के सदस्यों का दावा है कि प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इनकार करने पर सैनिकों को मार दिया गया।अगस्त 2011नेशनल न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि संघर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान सीरियाई सुरक्षा बलों द्वारा 2,200 से अधिक लोग मारे गए।
जून 2012 – विश्व शक्तियां जिनेवा में मिलती हैं और राजनीतिक परिवर्तन की आवश्यकता पर सहमत होती हैं, लेकिन इसे कैसे प्राप्त किया जाए इस पर मतभेद संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित शांति प्रयासों के सालों को विफल कर देता है।जुलाई 2012 में असद ने उन कस्बों और शहरों पर हवाई हमले शुरू किया, जिन्होंने उसके शासन के खिलाफ विद्रोह किया था। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के पास अब हथियार हैं। वहीं हजारों लोग मारे जाते हैं।2 अगस्त, 2012संकट का समाधान निकालने में असमर्थ, अन्नान सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के शांति दूत के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं। अल्जीरियाई राजनयिक लखदर ब्राहिमी को अन्नान के प्रतिस्थापन के रूप में नियुक्त किया जाता है।
2013 – लेबनान के हिजबुल्ला ने असद को कुसैर में जीत दिलाने में मदद की। विद्रोहियों की गति को रोका और टकराव में ईरान समर्थित इस समूह की बढ़ती भूमिका को दिखाया। अमेरिका ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रेड लाइन तो घोषित कर दिया, लेकिन दमिश्क के पास विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी घोउटा पर गैस हमले के बावजूद अमेरिकी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसमें कई नागरिक मारे गए थे।
2014 में अलकायदा के एक गुट ने रक्का पर कब्जा कर लिया और सीरिया और इराक में शहरों पर कब्जा करते हुए इस्लामिक स्टेट का गठन कर लिया।
2018 – सीरियाई सेना ने पूर्वी घोउटा पर फिर से कब्जा कर लिया।
2019 – इस्लामिक स्टेट ने सीरिया में अपना आखिरी इलाका भी खो दिया। रूसी मदद से असद सेना ने खान शेखुन को भी अपने नियंत्रण में ले लिया।
2020 – असद शासन ने अधिकांश क्षेत्र और सभी मुख्य शहरों पर कब्जा कर लिया। विद्रोहियों ने उत्तर-पश्चिम पर कब्जा कर लिया। तुर्किये समर्थित सेना ने सीमा पट्टी पर कब्जा कर लिया। कुर्द नेतृत्व वाली सेना ने उत्तर-पूर्व पर नियंत्रण कर लिया।
2023 – सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले ने लेबनान में इजरायल और हिजबुल्ला के बीच लड़ाई शुरू कर दी। इससे अंतत: सीरिया में समूह की उपस्थिति कम हो गई और इसने असद शासन को कमजोर कर दिया।
17 सितंबर-26 नवंबर 2024पड़ोसी लेबनान में हिजबुल्लाह और इजरायली की लड़ाई से हिजबुल्लाह को जबरदस्त झटका लगा, इसने अक्टूबर में सीरिया से अपने लड़ाकों को वापस बुलाकर अपनी अग्रिम पंक्ति को मजबूत किया। इसके बाद 26 नवंबर को एक नाजुक युद्धविराम समझौते ने हिजबुल्लाह को सीमित अवसर दिए गए।कुछ दिनों बाद 27 नवंबर को विद्रोही बल हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने एक नया आक्रमण शुरू किया।विद्रोहियों ने अलेप्पो पर एक नया हमला किया। असद के सहयोगियों के कहीं और ध्यान केंद्रित करने के कारण उसकी सेना जल्दी ही ढह गई।
7 दिसंबर, 2024फिर दिसंबर के महीने में HTS ने दारा और होम्स पर नियंत्रण कर लिया, जिससे दमिश्क प्रभावी रूप से अलग-थलग पड़ गया। विद्रोही बल कुछ घंटों बाद दमिश्क में प्रवेश करते हैं, क्योंकि रिपोर्ट सामने आती है कि असद भाग गया है।
8 दिसंबर 2024इसके बाद 8 दिसंबर को विद्रोही बलों ने असद को सत्ता से हटा दिया और दमिश्क को आजाद घोषित कर दिया गया।