देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप, नेशनल हाईवे पर वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन

जालोर। राजस्थान के जालोर में बने राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग का आज उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत शामिल हुए।

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आपको बता दें कि C-130J सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया को लेकरजालोर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपातकालीन फील्ड लैंड किया। विमान के लैंड होते ही वहां मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

जानें इस लैंडिंग पट्टी की खासियतें
इस परियोजना में आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांवों में वायु सेना/भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार तीन हेलीपैड (प्रत्येक का आकार 100 x 30 मीटर) का निर्माण किया गया है, जो पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना और सुरक्षा नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का आधार होगा।

ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया। आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है।

भारतमाला प्रोजेक्ट का है हिस्सा
यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित टू-लेन पेव्ड शोल्डर का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। पेव्ड शोल्डर उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं।

इससे पहले एक्सप्रेसवे पर हुई थी मॉक लैंडिग
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है।

इससे पहले अक्टूबर 2017 में, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू एवं परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग वायुसेना के विमानों द्वारा आपात स्थिति में उतरने के लिए किया जा सकता है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, जोकि एक राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है, उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आता है।

सुखोई एसयू-30, मिग और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तेज गर्जना के साथ आपातकालीन हवाई पट्टी पर लैंडिंग की । बाड़मेर के गांधव (बाखासर) में भारत माला हाईवे NH-925A पर बनी आपातकालीन हवाई पट्टी 3000 मीटर (3 किमी.) लंबी और 33 मीटर चौड़ी है। इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपए लागत आई है। भारत-पाक बार्डर से महज 40 किमी. दूरी पर यह हवाई पट्टी बनाई गई है। jagran

दुनिया के कई देशों में बनी है इस तरह की हवाई पट्टी

जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और आंध्रप्रदेश में भी इस तरह की हवाई पट्टी बनाई जा रही है। हवाई पट्टी के पास 3:5 किलोमीटर लंबी और 7 मीटर चोड़ी सर्विस लेन भी बनाई गई है। इस हवाई पट्टी का उपयोग युद्ध अथवा किसी आपातस्थिति में ही किया जा सकेगा।

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