प्रयागराज। 13 अखाड़ों के के शीर्ष निकाय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर निर्णय लेने के लिए सभी अखाड़ों की एक बैठक बुलाई है। अखाड़ा सूत्रों ने बताया कि जल्द ही बैठक होगी।
1,000 से अधिक लोगों को धर्मांतरित करने के आरोप में दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद यह कदम उठाया गया है। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “हमें इसका समाधान खोजना होगा और सभी को समान अवसर प्रदान करना होगा ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके लिए सिर्फ बाहरी कारक ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि गलती हममें भी है। हम पहले भी यह देख चुके हैं कि उपेक्षा और बहिष्कार का सामने करने वाले लोगों ने दूसरे धर्मों में जाकर शरण ली हैं। हम हिंदुओं से अनुरोध करेंगे कि वे अपने जातिगत के विचारों से ऊपर उठें और सभी के साथ सम्मान से पेश आएं, एक—दूसरे को इज्जत दें और उन परिस्थितियों से बचें, जिसके चलते कोई अपना धर्म परिवर्तन करता है।”
महंत ने कहा कि जल्द ही सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की एक बैठक होगी और इसका एजेंडा यह होगा कि शिष्यों और आम हिंदुओं को जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर उन लोगों को वापस लाने के लिए कदम उठाए होगा, जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है।
जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक – सदस्यता के मामले में 13 अखाड़ों में सबसे बड़े – महंत हरि गिरि ने कहा, “हम हमेशा उन लोगों का स्वागत करने के पक्ष में रहे हैं, जो अन्य धर्मों में चले गए हैं। संतों और शिष्यों को जाति व्यवस्था के संकीर्ण विचारों से ऊपर उठने के लिए लोगों को समझाने का काम दिया जाएगा।”
परिषद ने दो दिन पहले जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कानूनी मसौदे को पेश करने का भी समर्थन किया था। महंत नरेंद्र गिरि ने प्रेस को दिए गए अपने एक बयान में कहा था कि संतों ने हमेशा मांग की है कि देश में लगातार बढ़ती आबादी को नियंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दम्पति चाहे किसी भी धर्म के हो, उनके केवल दो बच्चे होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर कानून लाकर देश में जनसंख्या वृद्धि को नहीं रोका गया, तो आने वाले दिनों में एक बड़ा जनसंख्या विस्फोट हो सकता है।