लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट में उप्र कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग के गठन सहित 15 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश इस तरह की पहल करने वाला देश का पहला राज्य है। सरकार ने प्रवासी कामगारों के साथ यहां रहने वाले अन्य श्रमिकों के हित में यह फैसला किया है। अल्प सुविधा प्राप्त वर्ग के हितों के मद्देनजर सरकार ने आयोग के गठन को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार पहले से ही प्रवासी कामगारों की सुरक्षित वापसी से लेकर उनको राशन और एक-एक हजार की धनराशि दे रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने 10 लाख श्रमिकों को खाते में 103 करोड़ की धनराशि हस्तांरित की। सभी चीजें सुव्यवस्थित तरीके से चलें इसके लिए उप्र कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन राज्य स्तर पर होगा।
उन्होंने बताया कि साथ ही इसके अन्तर्गत कार्यकारी परिषद या बोर्ड बनेगा, जिला स्तरीय समिति भी बनेगी, जो कामगारों-श्रमिकों के हितों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर मुख्यमंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे। श्रम एवं सेवायोजन विभाग के मंत्री इसके संयोजक होंगे। इसके अलावा दो उपाध्यक्ष औद्योगिक विकास मंत्री और सूक्षम एवं लघु मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री होंगे।
वहीं कृषि मंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री, पंचायती राज विभाग मंत्री और नगर विकास मंत्री इसके सदस्य होंगे। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) व अन्य लोग भी इसके सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार से कार्यकारी परिषद या बोर्ड की अध्यक्षता आईआईडीसी करेंगे। इसके अलावा इसमें 14 सदस्यों की कमेटी होगी।
जनपद पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। इसमें भी 14 अन्य सदस्य होंगे। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस कमेटी को लेकर विशेष रूप से निर्देश दिया है कि सभी जिलाधिकारियों का दायित्व होगा कि वह जनपदों के प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक में कमेटी को लेकर अपनी रिपोर्ट देंगे। विधायकों को भी इससे अवगत कराना होगा। प्रभारी मंत्री की हर महीने समीक्षा बैठक में इस सम्बन्ध में रिपोर्ट जरूर दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की इस तरह की पहल अपने आप में बहुत बड़ा काम है।
आज कैबिनेट बैठक में कामगारों-श्रमिकों को लेकर आयोग गठन पर मुहर लगने के बाद अब इसकी कवायद तेज होगी। यह आयोग श्रमिकों की कल्याण योजनाओं के साथ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगा। आयोग श्रमिकों और कामगारों के सेवायोजन, रोजगार, स्किल मैपिंग और कौशल विकास के क्षेत्र में आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखेगा। इसके अलावा आयोग के जरिए प्रदेश के सभी कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी दी जाएगी।
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मीरजापुर के ग्राम देवरी में केंद्रीय विद्यालय के लिए केंद्र सरकार को जमीन नि:शुल्क देने, यूपी राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम-2004 में संशोधन, पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम में हाईकोर्ट के आदेश से कार्यरत कर्मियों को छठा वेतनमान देने,आबकारी नीति-2020-21 में भी कोविड-19 के मद्देनजर कुछ संशोधन, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के निर्माण को प्रोत्साहन देने, सड़क यातायात नियमों के उल्लंघन पर पेनाल्टी में वृद्धि,सुलतानपुर से हलियापुर कूड़ेभार मार्ग पर जिला मार्ग विकास परिषद के अन्तर्गत लागत में वृद्धि सहित अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
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